⛅ मास - वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - चैत्र)
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - दशमी दोपहर 02:10 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ नक्षत्र - शतभिषा सुबह 10:32 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - इन्द्र शाम 07:22 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहुकाल - दोपहर 02:13 से शाम 03:51 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 19:04
⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
⛅ *व्रत पर्व विवरण - आज वैशाख कृष्ण दशमी तिथि है I
💥 *विशेष -
👉 कुशा नामक घास में ऑक्सीजन खींचने की क्षमता बहुत अधिक होती है।
👉 प्रतिरोधात्मक कीट रोधक शक्ति (सकारात्मक ऊर्जा) भरपूर होने से कुशा का पूजन में बहुत अधिक महत्त्व है। इसलिए कुशा को पवित्री भी कहते हैं।
👉 ग्रहण काल में उत्पन्न होने वाले कीट का प्रभाव खाद्य वस्तुओं पर ना पड़े, इसलिए कुशा खाद्य वस्तुओं में डालते हैं।
👉 जल में कुशा डालने से जलीय जन्तु भी दूर हो जाते हैं। इसलिए तर्पण में कुशा का प्रयोग किया जाता है।
👉 कुशा के आसन पर बैठने से साधक में स्फूर्ति आती है। कुशा से आसपास व धरती की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
👉 कुशा का आसन प्राणायाम अधिक देरी तक करने में सहायक होता है।
👉 पूजा, अनुष्ठान, ध्यान आदि करने में कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए।
🌷 एकादशी व्रत के लाभ 🌷
➡ 06 मई 2021 गुरुवार को दोपहर 02:11 से 07 मई, शुक्रवार को शाम 03:32 तक एकादशी है ।
💥 विशेष - 07 मई, शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
🙏🏻 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🙏🏻 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🙏🏻 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🙏🏻 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🙏🏻 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
एकादशी के दिन करने योग्य
🙏🏻 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .....विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
🌷 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे 🌷
कमजोर बृहस्पति बढ़ाता है मुश्किलें, वित्तीय परेशानियाँ
अगर बृहस्पति ठीक हो तो जीवन में कई परेशानियां वैसे ही दूर रहती हैं. इसका नाता विवाह और तरक्की दोनों से माना गया है I बृहस्पति को गुरु ग्रह कहा जाता है. इसलिए जिंदगी के हर पहलू पर इसका प्रभाव पड़ता है. बृहस्पति आपकी जिंदगी की दिशा और दशा बदलते हैं ।
-बृहस्पति का नौकरी से संबंध
आपकी नौकरी से भी बृहस्पति का संबंध होता है ।
बृहस्पति वित्त, कानून और सलाहकारिता के क्षेत्र से संबंध रखता है I
बृहस्पति आपकी कमाई और खर्च को संतुलित रखता है I
नौकरी मिलती तो शनि से है लेकिन स्थिरता और उन्नति बृहस्पति देता है I
बृहस्पति कमजोर हो तो कम वेतन की नौकरी करनी पड़ती है I
कमजोर बृहस्पति की वजह से नौकरी में बार-बार मुश्किलें भी आती हैं I
कमजोर बृहस्पति के चलते आपको नौकरी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है I
बृहस्पति का विवाह से संबंध
आपके जीवन में शादी को लेकर समस्याएं आ रही हैं I शादी होने में देर हो रही है तो हो सकता है कि आपका बृहस्पति कमजोर हो और शादी के बाद की जिंदगी से बृहस्पति का संबंध है I
- हर स्त्री का विवाह और वैवाहिक जीवन बृहस्पति से ही जुड़ा है I
- किसी पुरुष की पत्नी कैसी होगी, इसका विचार बृहस्पति से किया जाता है I
- बृहस्पति का संबंध सप्तम भाव से हो तो शादी बहुत मुश्किल से होती है I
- बृहस्पति कमजोर हो तो स्त्री के विवाह और वैवाहिक जीवन में बाधा डालता है I
बृहस्पति का धन से संबंध
कुंडली में बृहस्पति की दशा जीवन में संपन्नता या कमी का योग बनाती है I आपकी जिंदगी में पैसों से जुड़ी परेशानी का जिम्मेदार आपका बृहस्पति ही हो सकता है I
-धन की प्राप्ति और आर्थिक स्थिरता बृहस्पति से ही आती है I
- बृहस्पति मजबूत हो तो इंसान को कभी पैसों की कमी नहीं होती I
- बृहस्पति कमजोर हो तो कितने भी पैसे आएं लेकिन तंगी ही रहती है I