दिन - गुरुवार , सूर्योदय - 06:57 सूर्यास्त - 18:43
विक्रम संवत - 2077 शक संवत - 1942
अयन - उत्तरायण, ऋतु - वसंत , मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)
पक्ष - कृष्ण, तिथि - षष्ठी रात्रि 09:58 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - विशाखा रात्रि 11:58 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग - व्याघात रात्रि 11:35 तक तत्पश्चात हर्षण
राहुकाल - दोपहर 02:19 शाम 03:47 तक
सूर्योदय - 06:57 सूर्यास्त - 18:43
दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
बाल बढ़ाने के लिए
1⃣ पहला प्रयोगः स्नान के समय तिल के पत्तों का रस लगाने से, मुलहठी, आँवला या भृंगराज का तेल लगाने से, करेले की जड़ अथवा मेथी को पानी में घिसकर लगाने से, निबौली का तेल लगाने से बाल बढ़ते हैं।
2⃣ दूसरा प्रयोगः बड़ की पुरानी जटाओं को नींबू के रस में घिसकर अच्छे से लेप करें। आधे घण्टे पश्चात् बाल धो डालें। फिर नारियल का तेल लगायें। ऐसा तीन दिन करने से बालों का झड़ना बंद होता है। बाल लंबे, काले तथा मजबूत होते हैं।
धन – सम्पदा के स्थायी निवास हेतु - ॐ ह्रीं गौर्यै नम:
इस मंत्र से ७ बार अभिमंत्रित करके अन्न का भोजन करनेवाले के पास सदा श्री ( धन–सम्पदा ) बनी रहती है | (अग्नि पुराण :३१३.१९,२४ )
घर के सदस्य की मृत्यु पर
अगर घर में किसी की मृत्यु हो गई हो तो रोज 12 दिन तक घर की छत पे एक कटोरी में दूध और एक कटोरी में पानी रख के आयें दूसरे दिन सुबह वो पानी और दूध पीपल के मूल में ड़ाल दें ऐसा 12 दिन करने से जिसकी मृत्यु हुई है उसकी आत्मा को शान्ति मिलती है उनका आशीर्वाद घर वालों को मिलता है ।