मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - पंचमी रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र - स्वाती 04 मार्च रात्रि 01:36 तक तत्पश्चात विशाखा
योग - ध्रुव 04 मार्च रात्रि 02:41 तक तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल - दोपहर 12:51 से दोपहर 02:19 तक
सूर्योदय - 06:58
सूर्यास्त - 18:42
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
*व्रत पर्व विवरण -
विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दूसरा प्रयोगः तुलसी के पत्ते पीसकर सिर पर लगा लें। तदुपरांत सिर पर कपड़ा बाँध लें। सारी जुएँ मरकर कपड़े से चिपक जाएँगी। दो-तीन बार लगाने से ही सारी जुएँ साफ हो जायेंगी।
लक्ष्मी की चाहवाले किनसे बचें
भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जो अशुद्ध ह्रदयवाला, क्रूर, हिंसक, दूसरों की निंदा करनेवाला होता है, उसके घर से भगवती लक्ष्मी चली जाती हैं |
जो नखों से निष्प्रयोजन तिनका तोड़ता है अथवा नखों से भूमि को कुरेदता रहता है उसके घर से मेरी प्रिय लक्ष्मी चली जाती हैं |
जो सूर्योदय के समय भोजन, दिन में शयन करता है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती हैं |