*⛅तिथि - एकादशी 03 दिसम्बर प्रातः 05:40 से 04 दिसम्बर प्रातः 05:34 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - रेवती 04 दिसम्बर सुबह 06:16 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - सिद्धि प्रातः 05:51 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
*⛅राहु काल - सुबह 09:47 से 11:08 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:05*
*⛅सूर्यास्त - 05:54*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:20 से 06:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:56 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - श्रीमद् भगवद् गीता जयंती, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जयंती*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 श्रीमद् भगवद् गीता जयंती - 03 दिसम्बर 2022*
*🔹'गीता' में है हर समस्या का समाधान🔹*
*🔹गीता के 18वें अध्याय का आखिरी श्लोक 21 बार जपकर के घर से बाहर निकलें तो नौकरी-धंधा, रोजी-रोटी बढ़िया चलेगी ।*
*यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः ।*
*तत्र श्रीर्बिजयो भूतिध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥*
*🔹गीता के अध्याय की महिमा🔹*
*👉 गीता के 15वें अध्याय का पाठ करके भोजन करने से भोजन भगवत्प्रसाद बन जाता है ।*
*👉 गीता के 7वें अध्याय का पाठ करके उसका पुण्यफल मृतात्माओं को अर्पण करने से उनको शांति व सद्गति मिलती है ।*
🌹 *व्यतिपात योग* 🌹
*🌹 व्यतिपात योग 03 दिसम्बर प्रातः 05:52 से 04 दिसम्बर प्रातः 04:35 तक ।*
*🌹व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल 01 लाख गुना होता है ।*
*वाराह पुराण*
*🌹 मोक्षदा एकादशी 🌹*
*🌹 एकादशी 03 दिसम्बर प्रातः 05:40 से 04 दिसम्बर प्रातः 05:34 तक । द्वादशी युक्त एकादशी में व्रत उपवास रखना शास्त्र सम्मत हैं ।*
*🔸व्रत उपवास 04 दिसम्बर रविवार को रखा जायेगा । 03 एवं 04 दिसम्बर दो दिन चावल खाना और खिलाना वर्जित है ।*
*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*
*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*