⛅ मास - वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - चैत्र)
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - षष्ठी दोपहर 02:50 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढा सुबह 08:59 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅ योग - साध्य रात्रि 11:26 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहुकाल - शाम 05:27 से शाम 07:04 तक
⛅ सूर्योदय - 06:08
⛅ सूर्यास्त - 19:02
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - पूज्य बापूजी का अवतरण दिवस, रविवारी सप्तमी (दोपहर 02:51 से 03 मई सूर्योदय तक)
💥 विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
💥 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
💥 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
खून बढ़ाने के लिए
🏮 खून बढ़ाने के लिए, गन्ने का रस पियें ।
🍈 बेल का फल सुखाकर उसके गूदे के चूर्ण में मिश्री मिलाकर लेने से भी खून की बढ़ोत्तरी होती है ।
पित्तजन्य / गर्मी के कारण बीमारियाँ
🌿 धनिया, आंवला, मिश्री समभाग पीस के रख दें........एक चम्मच रात को भिगो दें और सुबह मसल के पियें तो सिर दर्द में आराम हो जायेगा, नींद अच्छी आएगी, मूत्र दाह, नकसीर में आराम होगा, लू से रक्षा होगी और पेट भी साफ रहेगा ।
यशप्राप्ति का अदभुत मंत्र
🙏🏻 कोई भी कार्य की शुरवात करने से पहले – ‘नारायण ... नारायण ..., नारायण ..., नारायण ...’ इसी मंत्र का सभी नर - नारी में छूपी सर्वव्यापक परमात्मा के नामस्मरण या उच्चारण करनेवालों को यश अवश्य मिलता है |
यह व्हाट्सएप ज्ञान नहीं है। पुराणों व धर्मग्रंथों में उल्लेखित जानकारी है।
"आनन्द" नाम विक्रम संवत् 2078 है आज वैशाख कृष्ण षष्ठी तिथि है
👉 14 मई को अक्षय तृतीया है।
👉 अक्षय तृतीया के दिन श्री बद्रीनारायण मंदिर के पट खुलते हैं।
👉 वृन्दावन में श्रीबिहारी जी के चरणों के दर्शन वर्ष में एक बार अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं।
👉 अक्षय तृतीया का पर्व वसंत और ग्रीष्म के सन्धिकाल का महोत्सव है।
👉 अक्षय तृतीया युगादि तिथि मानी जाती है, क्योंकि इस दिन त्रेतायुग का आरम्भ हुआ था।
👉 अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम जी का अवतार हुआ था।
👉 अक्षय तृतीया का मत्स्य पुराण, स्कन्ध पुराण, नारद पुराण, भविष्य पुराण, विष्णु धर्मसूत्र आदि धर्मग्रंथों में विस्तार से उल्लेख है।
👉 मालवा में अक्षय तृतीया किसानों के लिए नववर्ष का प्रारम्भ माना जाता है। इस दिन कृषि कार्य का प्रारम्भ किया जाता है।
👉 राजस्थान में अक्षय तृतीया के दिन वर्षा के लिए शकुन निकाला जाता है।
👉 बुन्देलखण्ड में अक्षय तृतीया व्रत को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
👉 अक्षय तृतीया के दिन ईख रस से बने पदार्थ, दही, चावल, दूध से बने व्यञ्जन, खरबूज, तरबूज और लड्डू का भोग लगाकर दान करने का विधान है।
👉 अक्षय तृतीया के दिन जो भी कार्य (अच्छे या बुरे) किए जाते हैं, वह अक्षय हो जाते हैं। अतः इस दिन अच्छे कार्य, दान, पुण्य ही करना चाहिए, ताकि उनका अक्षय सुफल प्राप्त हो।