बांग्लादेश के पूर्वी इलाके में 30 सालों में सबसे विनाशकारी बाढ़ आई है। इससे 12 जिले में करीब 48 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ में हजारों घर जलमग्न हो गए जिसकी वजह से कई परिवारों को दूसरे इलाके में शरण लेनी पड़ी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश में आई बाढ़ को लेकर चिंता जाहिर की है और मदद की पेशकश की है। पाकिस्तानी पीएम ने शुक्रवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस को चिट्ठी लिखी।
शरीफ ने चिट्ठी में लिखा है, “पाकिस्तान बाढ़ से प्रभावित उन लोगों के साथ बहादुरी से खड़ा है जिन्होंने अपने करीबी लोग, घरों और रोजगार खो दिए हैं। हम बांग्लादेश को किसी भी प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार हैं।”
भारत पर बिना चेतावनी दिए पानी छोड़ने का आरोप
इससे पहले अंतरिम सरकार के कुछ नेता समेत खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेताओं ने भी इस बाढ़ के लिए भारत को दोषी बताया था। शेख हसीना को सत्ता से हटाने वाले छात्रों के लीडर नाहिद इस्लाम ने आरोप लगाया कि भारत ने बिना चेतावनी पानी छोड़ दिया। अब नाहिद बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार हैं।
BNP पार्टी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया कि भारत ने जानबूझकर त्रिपुरा में गोमती नदी पर बने डंबूर बांध का दरवाजा खोला,जिसकी वजह से इतनी भीषण बाढ़ आई। उन्होंने कहा कि भारत को बांग्लादेश के लोगों की परवाह नहीं है।
सोशल मीडिया पर भी भारत विरोधी लहर
सोशल मीडिया पर भी भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। बांध के पुराने वीडियो को यह कहकर शेयर किया जा रहा है कि भारत ने पानी छोड़कर बांग्लादेश में बाढ़ ला दी है। कई ऐसे पोस्ट वायरल हैं जिनमें दावा किया गया है कि भारत ने जानबूझकर बांग्लादेश में पानी छोड़ा, क्योंकि वह शेख हसीना के हटने से नाराज है।
भारत बोला- ज्यादा बारिश की वजह से बाढ़ आई
इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा है कि बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भारत जिम्मेदार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "बांग्लादेश में यह अफवाह है कि बाढ़ की वजह त्रिपुरा में डंबूर बांध का दरवाजा खोलना है। यह सच नहीं है।”
मंत्रालय ने कहा कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गोमती नदी के आस-पास के इलाके में इस साल की सबसे ज्यादा बारिश हुई है। इस वजह से दोनों तरफ समस्या हुई है। दोनों देशों के बीच मौजूद नदियों में आने वाली बाढ़ एक साझा समस्या है, जिससे दोनों देशों के लोगों को जूझना पड़ता है। इससे निपटने के लिए दोनों देशों के सहयोग की जरूरत है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि डंबूर बांध बांग्लादेश की सीमा से 120 किलोमीटर से अधिक दूर है। यह कम ऊंचाई (करीब 30 मीटर) का बांध है, जो बिजली पैदा करता है और वह बिजली ग्रिड में जाती है। इससे बांग्लादेश को भी त्रिपुरा से 40 मेगावाट बिजली मिलती है।
त्रिपुरा में 31 साल बाद हुई इतनी बारिश
BBC के मुताबिक बाढ़ से त्रिपुरा में अगस्त महीने के दौरान अब तक सामान्य से 151% ज्यादा बारिश हो चुकी है। यहां चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से आई बाढ़ से 17 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
त्रिपुरा के मंत्री रतन लाल नाथ के मुताबिक गोमती जिले में इस महीने 656.6 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य बारिश के मुकाबले 234% ज्यादा है। साल 1993 में 21 अगस्त को एक दिन में सबसे ज्यादा 247 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इस साल 20 अगस्त को 1 दिन में 375.8 मिमी बारिश हुई। 31 साल का रिकॉर्ड टूट गया।
मंत्री नाथ ने कहा कि डंबूर बांध के गेट खोलने के मुद्दे पर जो भी लिखा-कहा जा रहा है वह अफवाह है। इस बांध को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि एक निश्चित सीमा से अधिक पानी होने पर वह खुद ही निकलने लगता है। बांध का कोई गेट नहीं खोला गया है।