अमेरिका की जगह लेना चाहता है चीन
राजनीतिक विश्लेषक इब्राहिम फ्राइहत के अनुसार, इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर बीजिंग की बुलाई बैठक इस बात का संकेत है कि चीन अमेरिका द्वारा छोड़े गए शक्ति शून्य को भरकर अपनी अंतरराष्ट्रीय भूमिका को आगे बढ़ा रहा है। दोहा इंस्टीट्यूट फॉर ग्रेजुएट स्टडीज के फ्राइहत ने अल जजीरा को बताया, अमेरिका ने अपना सारा वजन इजरायल के पक्ष में फेंककर खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है और ऐसा करके उसने एक विश्वसनीय तीसरे पक्ष के हस्तक्षेपकर्ता के रूप में अपनी भूमिका कम कर दी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन की वीटो शक्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "वे (चीनी अधिकारी) इस भूमिका में बहुत रुचि रखते हैं - उनके इजरायल के साथ मजबूत संबंध हैं, उन्हें फिलिस्तीनियों का विश्वास है और अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में वजन है।"