अक्टूबर में शुरू हुआ विजिंजम ट्रांसशिपमेंट पोर्ट वैश्विक समुद्री नक्शे पर भारत को एक मजबूत स्थिति में लाने के अडानी समूह के बड़े लक्ष्य को दर्शाता है। पहले दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज भारत के बंदरगाहों पर नहीं आते थे क्योंकि यहां पानी पर्याप्त गहरा नहीं था। वे कोलंबो, दुबई और सिंगापुर जैसे बंदरगाहों को चुनते थे। इस नए निवेश से मौजूदा बर्थ और ब्रेकवाटर का भी विस्तार होगा। इससे पोर्ट दुनिया के कुछ सबसे बड़े जहाजों को संभालने में और सक्षम हो जाएगा। यह पोर्ट अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के पास है जहां से दुनिया का 30% कार्गो ट्रैफिक गुजरता है।