इमरान खान ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चांसलर के लिए आवेदन क्यों किया? क्या इमरान की पाकिस्तान में राजनीतिक पारी खत्म
Updated on
22-08-2024 01:43 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर पद के लिए आवेदन कर सबको चौंका दिया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक साल से ज्यादा समय से एक साल से जेल में बंद हैं। इमरान खान ने जेल से ही ब्रिटेन और दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड के शीर्ष पद के लिए अप्लाई किया है। उनके इस कदम ने इस सवाल को भी जन्म दिया है कि बीते दो दशक में पाकिस्तान के सबसे चर्चित नेता रहे इमरान खान क्या अब देश के बाहर जाना चाहते हैं। इमरान अब क्रिकेट और राजनीति के बाद तीसरा विकल्प खोज रहे हैं। साथ ही इमरान क्या पाकिस्तान आर्मी को भी संकेत दे रहे हैं कि उनकी अब सियासत में दिलचस्पी नहीं है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने पाकिस्तान की राजनीति में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ राजनाति में एंट्री की थी। उनको काफी कामयाबी भी मिली लेकिन बीते कुछ समय से उनके लिए चीजें बहुत मुश्किल रही हैं। वह अब जेल में हैं और उनकी फिलहाल रिहाई के भी कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। इसकी सबसे अहम वजह उनके पाक फौज से अच्छे रिश्ते ना होना माना जाता है।
राजनीति से दूर हो जाएंगे इमरान!
ब्रिटेन में इमरान कोई अंजाना चेहरा नहीं हैं।अपने क्रिकेट करियर के दौरान इमरान ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय रहे हैं। वहीं चांसलर होना भी उनके लिए नई बात नहीं होगी। इमरान 2005 से 2014 तक आठ साल तक ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे हैं। ऐसे में इमरान खान को अगर ऑक्सफोर्ड के चांसलर के तौर पर काम करने का मौका मिल सकतता है लेकिन ये उनको पाकिस्तान की राजनीति से दूर कर देगा। इमरान अगर ऑक्सफोर्ड के चांसलर बनते हैं, तो क्या वे पाकिस्तान की राजनीति को अलविदा कह देंगे। या फिर उनका यह पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के लिए एक संकेत है कि वे चीजों को खराब करने की बजाय एक रास्ता निकालना चाहते हैं। राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है कि ब्रिटेन जाना इमरान के लिए जेल से छुटकारा होगा तो वहीं सेना और दूसरे दलों को भी राहत मिल जाएगी।
ऑक्सफोर्ड से ही पढ़े हैं इमरान
इमरान खान का ऑक्सफोर्ड से पुराना रिश्ता है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड से ही ग्रेजुएशन कियाा था। इमरान 1970 के दशक में ऑक्सफोर्ड के केबल कॉलेज में राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र के छात्र थे। इमरान अगर चांसलर बनते हैं, तो वे इस पद पर जाने वाले एशियाई मूल के पहले व्यक्ति होंगे। इस पद के लिए इमरान को ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और बोरिस जॉनसन से मुकाबला करना होगा।
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