बाइडन की सुरक्षा में मुस्तैद थे अमेरिकी कमांडो
अमेरिकी कमांडो हर खतरे का सामना करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात थे। अगर बाइडन पर कैसा भी हमला होता तो यह इजरायल का नहीं, बल्कि अमेरिका का युद्ध होता। मध्य पूर्व के देशों ने दशकों से अमेरिका की जबरदस्त सैन्य ताकत का अनुभव किया है। अमेरिका ऐसा देश है, जो अपने दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए बिना वजह भी हमला कर सकता है, खासकर जब वह दुश्मन हमास जैसा छोटा सा आतंकी संगठन हो। ऐसे में हमास ने अपनी भलाई बाइडन के काफिले से दूरी बनाने में समझी और इजरायल की तरफ एक भी बार रॉकेट नहीं दागा। लेकिन, उनके जाते ही यह आतंकी संगठन फिर अपने पूराने स्वरूप में लौट आया।