Select Date:

जब इजरायल और भारत ने बनाया था पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट को उड़ाने का प्लान, जानें क्यों अंजाम तक नहीं पहुंचा ऑपरेशन

Updated on 05-10-2024 02:00 PM
तेल अवीव: बीते कई दिनों से इजरायली सेना लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ सैन्य अभियान चला रही है। इस संघर्ष में ईरान की भी एंट्री हो गई जब बीते मंगलवार को उसने इजरायल के ऊपर अब तक का सबसे बड़ा मिसाइल हमला किया। तेहरान ने इजरायल के ऊपर सैकड़ों मिसाइलें दागीं। इसके बाद इजरायल ने ईरान के ऊपर जोरदार जवाबी हमला करने की धमकी दी है। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बना सकता है। हालांकि, इजरायल के प्रमुख सहयोगी अमेरिका ने उसे ऐसा न करने को कहा है।

इजरायल इसके पहले साल 1981 में ऐसा कारनामा कर चुका है, जब उसके विमानों ने इराक के ओसिरक में परमाणु संयंत्रों को नेस्तनाबूद कर दिया था। इजरायली वायु सेना तीन देशों की सीमाओं को पार करते हुए इराक में पहुंची थी और मिशन को अंजाम देकर वापस आ गई थी। इजरायल का हालिया जंग के बीच चर्चा तेज हो गई है कि अगर भारत ने भी इजरायल का मॉडल अपनाया होता तो पाकिस्तान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सकता था।

इजरायल ने की थी मदद की पेशकश


कहा जाता है कि इजरायल ने इसके लिए भारत को मदद की पेशकश भी की थी और इसके लिए प्लान भी तैयार हुआ था। फिर आखिर उस योजना पर काम क्यों नहीं हुआ? आइए जानते हैं कि वह प्लान क्या था। इजरायल और भारत के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध तो 1992 में स्थापित हुए लेकिन दोनों देश काफी समय से एक दूसरे से संपर्क बनाए हुए थे।

साल था 1984, जब भारत और इजरायल ने पाकिस्तान में एक गुप्त अभियान की योजना बनाई थी। दोनों को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से खतरा था। साल 1965 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री बने जुल्फिकार अली भुट्टो ने परमाणु बम बनाने के इरादे को जाहिर किया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भले घास या पत्तियां खाए, लेकिन पाकिस्तान परमाणु बम हासिल करेगा। साल 1971 में बांग्लादेश के युद्ध में हार के बाद भुट्टो के हाथ पाकिस्तान की कमान आई तो इस पर काम शुरू कर दिया था।

भारत और इजरायल का डर


पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम यूरोप और चीन से चुराए गए डिजाइन और तकनीक पर निर्भर था। 1970 और 1980 के दशक के अंत तक कार्यक्रम परमाणु हथियार मिलने की दिशा में आगे बढ़ रहा था। यह भारत और इजरायल दोनों के लिए चिंता का विषय था। इस बीच भारत को पता चल गया था कि पाकिस्तान इस्लामाबाद के पास कहूटा में परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है।

भारत को पता था कि पाकिस्तान का कोई भी परमाणु हथियार मुख्य रूप से नई दिल्ली के खिलाफ होगा। वहीं, इजरायल को डर था कि पाकिस्तान का 'इस्लामिक परमाणु बम' उसके अरब प्रतिद्वंद्वियों के लिए बड़ी ताकत बनकर आएगा। इसके बाद भारत की खुफिया एजेंसी रॉ और इजरायल की मोसाद के बीच पाकिस्तान के परमाणु बम को लेकर सहयोग शुरू हुआ।

पाकिस्तान में हवाई ऑपरेशन की योजना

एक्सपर्ट बताते हैं कि इजरायल ने भारत के साथ एक योजना साझा की थी। योजना थी कि दोनों देश मिलकर पाकिस्तान की परमाणु सुविधाओं पर हमला करेंगे और उन्हें नष्ट कर देंगे। इस बीच 1981 में इजरायल ने इराक के ओसिरक में परमाणु रिएक्टर पर हमला करके उसे नष्ट कर दिया। जल्द ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया कि इजरायल और भारत कहूटा में भी इसी तरह के हमले की योजना बना रहे हैं।

बताया जाता है कि पाकिस्तान पर हमला करने के लिए इजरायली विमानों को गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरनी थी। इसमें एफ-16 और एफ-15 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया जाना था। हालांकि, इसकी कभी पुष्टि नहीं हो सकी। पत्रकार एड्रियन लेवी लिखते हैं कि ओसिरक पर इजरायली हमले के ठीक बाद भारतीय अधिकारियों की टीम इजरायल पहुंची थी। इसमें सैन्य और खुफिया अधिकारी दोनों थे।

अमेरिका ने कैसे खराब किया खेल

1982 में वॉशिंगटन पोस्ट और 1984 में अमेरिका के एबीसी न्यूज अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पाकिस्तान की परमाणु सुविधाओं पर हमले की योजना बनाई गई है। अमेरिकी मीडिया में खबरें आने के बाद भारत पर सीधी कार्रवाई न करने को दबाव बढ़ा। इस बीच इजरायल आगे आया और उसने खुद हमले की पेशकश की।

योजना के मुताबिक, इजरायली जेट कश्मीर के पहाड़ी इलाके में रडार से बचते हुए आगे बढ़ते और इस्लाबाद के पास खुले में पहुंचकर हमला कर देना था। लेवी ने यहां तक कहा कि मार्च 1984 में इंदिरा गांधी ने इस ऑपरेशन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अमेरिका की सीआईए ने पाकिस्तान को ऑपरेशन के बारे में सचेत कर दिया। इसके बाद भारत और इजरायल ने योजना को रद्द करने का फैसला किया।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 29 October 2024
जापान में सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) गठंबधन को संसद में बहुमत नहीं मिल पाया है। शिंजो आबे की पार्टी LDP को सिर्फ 191 सीटें मिली हैं और उसे 65…
 29 October 2024
इजराइली संसद (नेसेट) में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (UNRWA) पर प्रतिबंध लगाने के लिए वोटिंग हुई। इस कानून में एजेंसी को इजराइली धरती पर काम करने से रोकने का प्रावधान…
 29 October 2024
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार रात को व्हाइट हाउस में दिवाली मनाई। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक इसमें 600 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए। बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी सांसदों, अधिकारियों…
 29 October 2024
वॉशिंगटन डीसी के डेमोक्रेटिक फंड रेजर रमेश कपूर को 2016 का बोस्टन इवेंट याद है। तब उन्होंने कमला हैरिस को कहा था कि वे एक दिन राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगी।…
 29 October 2024
अमेरिका में चुनाव से ठीक 7 दिन पहले दो जगहों पर बैलेट बॉक्स में आग लगने की घटना सामने आई है। पहला मामला वॉशिंगटन के वैंकूवर का है जहां बैलेट…
 29 October 2024
इजराइली हमले में हसन नसरल्लाह की मौत के 32 दिन बाद हिजबुल्लाह ने नए चीफ की घोषणा की है। डिप्टी लीडर नईम कासिम को मंगलवार को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी…
 28 October 2024
तेहरान: इजरायल ने शनिवार को ईरान पर किए गए हवाई हमले में एक गुप्त सैन्य सुविधा को निशाना बनाया था, जो पूर्व में ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का हिस्सा थी।…
 28 October 2024
तेल अवीव: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के हिब्रू भाषा में बनाए गए अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है। एक्स ने उनके अकाउंट को…
 28 October 2024
रियाद/मॉस्को: मध्य पूर्व में अमेरिका का एक करीबी सहयोगी रूस के पाले में जाता दिखाई दे रहा है। सऊदी अरब और मॉस्को के बीच एक बड़ा रक्षा सौदा हो रहा है।…
Advertisement