भारत ने कनाडा के राजनयिकों को निकाला तो 'फाइव आइज' के पेट में क्यों हो रहा दर्द, निकाली भड़ास
Updated on
26-10-2023 01:10 PM
वॉशिंगटन: भारत के कनाडा के 41 राजनयिकों को निकाले जाने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड यानि फाइव आइज के सदस्य देशों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर विवाद के बाद भारत ने साफ कह दिया था कि कनाडा के राजनयिक वापस जाएं, नहीं तो उनकी राजनयिक छूट को खत्म कर दिया जाएगा। फाइव आइज के सदस्य न्यूजीलैंड ने राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का हवाला दिया है। न्यूजीलैंड ने कहा कि अब ऐसा लगता है कि ज्यादा कूटनीति की जरूरत है, कुछ भी कम नहीं। आइए समझतें कि फाइव आइज के अन्य देशों को भारत के फैसले से क्यों दर्द हो रहा है...
न्यूजीलैंड ने कहा, 'हम सभी देशों से अपेक्षा करते हैं कि वे साल 1961 के वियना संधि की जिम्मेदारियों का पालन करेंगे। इसमें संबंध और मान्यता प्राप्त राजनयिकों के लिए राजनयिक छूट शामिल है।' इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी पिछले सप्ताह इसी तरह के बयान जारी किए थे। इस बीच भारत ने एक महीने तक निलंबित रखने के बाद कनाडा के लोगों के लिए वीजा प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। भारत ने कनाडा से कहा था कि जितने राजनयिक उनके ओटावा में हैं, उतने ही भारत में रहें, नहीं तो वह राजनयिक छूट को खत्म कर देगा।
कनाडा पीएम को जयशंकर का करारा जवाब
फाइव आइज के विपरीत भारत ने साफ कह दिया है कि यह किसी भी तरह से अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं है। भारत ने कहा कि कनाडा के राजनयिक भारत की तुलना में बहुत ज्यादा थे। भारत ने अपने बचाव में वियना संधि के आर्टिकल 11.1 का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि बिना किसी खास द्विपक्षीय रिश्ते के किसी भी मेजबान देश को उतने ही राजनयिक रखने होंगे जितना कि तार्किक और सामान्य हो। भारत के इस बयान पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीति का उल्लंघन कर रहा है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रूडो के इस आरोप का करारा जवाब दिया है और कहा कि यह कनाडा है जिसने भारतीय राजनयिकों को सुरक्षा नहीं देकर वियना संधि का उल्लंघन किया है। भारतीय राजनयिकों को कनाडा में खालिस्तानी आतंकी लगातार धमकियां दे रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि कनाडा के राजनयिकों को निकाला गया है, वे लगातार भारत में हस्तक्षेप कर रहे थे। दरअसल, कनाडा के राजनयिक लगातार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे थे। वे ऐसे अपराधियों को वीजा दे रहे थे जो खालिस्तान का समर्थन करते थे। इसके लिए वे चंडीगढ़ और पंजाब में अपने काउंसलेट का इस्तेमाल करते थे। कनाडा के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत में बड़े पैमाने पर राजनयिक तैनात कर रखे हैं। इनमें से कई जासूसी लेकर अन्य गतिविधियों में लिप्त हैं। यही वजह है कि अमेरिका और फाइव आइज के अन्य सदस्यों को डर सता रहा है कि उनका भी नंबर आ सकता है।
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