2012 के वित्त अधिनियम ने आयकर अधिनियम में धारा 56(2)(viib) को शामिल करके महत्वपूर्ण बदलाव किया। यह धारा विशेष रूप से गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों की ओर से प्राप्त निवेश को टारगेट करती थी। इस प्रावधान के तहत उचित बाजार मूल्य से अधिक मूल्यवान किसी भी निवेश को आय माना जाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है। सरकार का मानना है कि एंजेल टैक्स को हटाने से स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी और देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।