इस पूरे परिपेक्ष्य से समझा जा सकता है कि राष्ट्रपति एर्दोगन ने संकेत दिया है कि तुर्की के के छद्म युद्ध के तरीकों को इजरायल-फिलिस्तीनी संदर्भ में भी लागू किया जा सकता है। एर्दोगन लगातार इजरायल के लिए कड़ी बयानबाजी करते रहे हैं लेकिन इस बार कहा जा रहा है उनको खारिज करना गलत होगा। कहा जा सकता है कि तुर्की के राष्ट्रपति सादात की मदद से फिलीस्तीन में हमास की बड़ी मदद सकते हैं।