भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। , रामास्वामी ने मंगलवार को खुद इसकी जानकारी दी।
दरअसल, मंगलवार सुबह (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राज्य आयोवा में वो रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का चुनाव हार गए। इसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की। CNN के मुताबिक, विवेक इस रेस में चौथे पायदान पर रहे।
विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस से बाहर निकलते हुए कहा कि मेरे राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं अपना कैंपेन खत्म करता हूं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, विवेक रामास्वामी कल ट्रम्प के साथ अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में रैली करेंगे।
ट्रम्प ने रामास्वामी को फ्रॉड कहा था
आयोवा के चुनावों में दूसरे नंबर पर फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डी-सेंटिस और तीसरे नंबर पर भारतीय मूल की निक्की हेली रहीं। इससे पहले आयोवा में वोटिंग शुरू होने के आधे घंटे के अंदर ही मीडिया रिपोर्ट्स में ट्रम्प की जीत घोषित कर दी गई थी।
आयोवा राज्य में उम्मीदवारी के लिए चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी पर जमकर निशाना साधा था। ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी को सीधे-सीधे फ्रॉड और ठग करार दिया था। एक बयान में डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समर्थकों को रामास्वामी का साथ देने के खिलाफ चेतावनी भी दी थी। ट्रम्प ने कहा था कि विवेक को वोट देना विपक्षी पार्टी को वोट देने जैसा होगा।
'भगवान ने ट्रम्प को अमेरिका के लिए बनाया'
ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर अपना नया कैंपेन वीडियो रिलीज किया। इसमें कहा गया है कि अमेरिका का ध्यान रखने के लिए भगवान ने ट्रम्प को बनाया है। सोशल मीडिया कैंपेन के 3 मिनट के वीडियो में कहा जा रहा है-14 जून 1964 को भगवान ने सोचा मुझे एक केयर टेकर की जरूरत है।
भगवान ने कहा मुझे एक मजबूत और साहसी इंसान की जरूरत है। जो भेड़ियों से न डरे। फिर उन्होंने हमें ट्रम्प को दिया।वीडियो में ट्रम्प के बचपन की तस्वीर लगी है। इसके बाद उन्हें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलता दिखाया गया है।
अमेरिका के ओहायो में जन्मे रामास्वामी
38 साल के विवेक रामास्वामी का जन्म ओहायो में हुआ। उनके माता-पिता भारत के अप्रवासी थे। विवेक ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। येल में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात अपूर्वा से हुई। दोनों ने साल 2015 में शादी कर ली।
2014 में उन्होंने अपनी खुद की बायोटेक कंपनी, रोइवंत साइंसेज की स्थापना की, जिसने उन दवाओं के लिए बड़ी कंपनियों से पेटेंट खरीदे। रामास्वामी ने 2021 में CEO पद से इस्तीफा दे दिया था।
आयोवा में ट्रम्प का चुनाव जीतना अहम क्यों?
4 क्रिमिनल केस और 2 अमेरिकी राज्यों में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से बाहर होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रम्प पहला चुनाव जीत लिया है। अलजजीरा के मुताबिक, आयोवा रिपब्लिकन नेशनल कनवेंशन का सिर्फ 1.6% ही है। यानी चुनाव के लिहाज से यह बहुत बड़ा राज्य नहीं है।
लेकिन ट्रम्प ने यहां बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। यहां 51% मतदान ट्रम्प के पक्ष में हुई, जबकि दूसरे नंबर पर रहे डी-सेंटिस को सिर्फ 21.2% ही वोट मिले। इससे यह ,साबित होता है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी अब भी ट्रम्प पर दांव खेल रही है।
2 अमेरिकी राज्यों ने ट्रम्प को अयोग्य घोषित किया
इससे पहले पिछले महीने अमेरिका राज्य कोलोराडो और मेन की अदालतों ने ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। ट्रम्प ने इस फैसले के खिलाफ अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की है। अगर SC राज्य की अदालतों का फैसला बरकरार रखती है, तो ट्रम्प इन 2 राज्यों से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
इसके अलावा ट्रम्प पर पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने, कैपिटल हिंसा, व्हाइट हाउस से खुफिया दस्तावेज घर ले जाने और 2020 में जॉर्जिया के चुनाव में धोखाधड़ी के मामले में 4 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। साथ ही कई दूसरे मामलों में भी ट्रम्प पर करीब 19 केस चल रहे हैं। इनमें से आधे मामलों में उन पर राष्ट्रपति रहते हुए गलत आचरण के आरोप हैं।