अमेरिका में राष्ट्रपति कैंडिडेट चुनाव चल रहा है। इस इलेक्शन प्रोसेस में एक शब्द इस्तेमाल किया जाता है- सुपर ट्यूजडे। इसमें भारतीय समयानुसार आज 15 राज्यों में वोटिंग हुई।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रम्प ने 12 राज्यों में जीत हासिल कर भारतवंशी निक्की हेली को हराया है। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी से बाइडेन सभी 15 राज्यों में जीते हैं।
इधर, बाइडेन का कहना है कि अगर ट्रम्प जीते तो वो अमेरिका को अंधकार और हिंसा में धकेल देंगे।
सुपर ट्यूजडे को समझिए...
अमेरिका में नवंबर 2024 में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन यानी राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। इसके पहले दोनों मुख्य पार्टियां (डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन) अपने-अपने उम्मीदवारों का चुनाव कर रही हैं। इसके लिए अलग-अलग राज्यों में वोटिंग हो रही है।
संवैधानिक तौर पर सुपर ट्यूजडे शब्द का कोई अर्थ नहीं है, लेकिन बहुत मोटे तौर पर आप कह सकते हैं कि इस दिन एक साथ कई राज्यों में प्राइमरी वोटिंग होती है। इन चुनाव से अंदाजा लग जाता है कि किस पार्टी से कौन नवंबर में होने वाले चुनाव में पार्टी का प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट होगा।
ट्रम्प ने कहा- ये ऐतिहासिक दिन
भारतवंशी निक्की हेली को हराकर डोनाल्ड ट्रम्प ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने मार-ए-लागो में अपने रिजॉर्ट में सुपर ट्यूजडे को अमेरिका के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। ट्रम्प ने अपनी जीत पर रिजॉर्ट में एक पार्टी भी रखी। उन्होंने बाइडेन पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को बचाने के लिए उन्हें ये चुनाव हर हाल में जीतना होगा।
वहीं, बाइडेन ने ट्रम्प की जीत पर कहा कि अगर उन्हें एक और टर्म के लिए राष्ट्रपति चुना गया तो वो अमेरिका को अंधकार और हिंसा में धकेल देंगे। चार साल पहले जब मैं चुनाव लड़ा तो मेरा मकसद ट्रम्प से देश के अस्तित्व को बचाना था। ट्रम्प को अमेरिका के लोगों से मतलब नहीं है वो सिर्फ बदले के लिए सत्ता में आना चाहते हैं।
अब तक 24 राज्यों में प्राइमरी चुनाव हुए, भारतवंशी हेली सिर्फ 2 राज्य जीतीं
अब तक 24 राज्यों में प्राइमरी चुनाव हो चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी से ट्रम्प को टक्कर दे रहीं निक्की हेली दो जगहों- वर्मोंट और वॉशिंगटन से जीती हैं। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, हेली को वर्मोंट में 92% वोट मिले।
वहीं, वॉशिंगटन में उन्हें 63% वोट मिले थे और ट्रम्प को 33% वोट मिले थे। इसी के साथ निक्की हेली अमेरिकी इतिहास में रिपब्लिकन प्राइमरी जीतने वाली पहली महिला बनीं। ट्रम्प 2016 में भी वॉशिंगटन से प्राइमरी इलेक्शन हार गए थे।
कॉकस और प्राइमरी इलेक्शन में फर्क
रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से पहला कॉकस आयोवा राज्य में हुआ था। दरअसल, प्राइमरी इलेक्शन राज्य
सरकार कराती है। वहीं, कॉकस पार्टी का अपना इवेंट होता है। प्राइमरी इलेक्शन में बिल्कुल वही वोटिंग प्रोसेस होता है, जो आम चुनाव में अपनाया जाता है। इस दौरान एक पार्टी का कार्यकर्ता दूसरी पार्टी के चुनाव में भी वोट डाल सकता है।
कॉकस में एक रूम या हॉल में बैठकर पार्टी के प्रतिनिधि हाथ उठाकर या पर्ची डालकर वोटिंग कर सकते हैं। पार्टी की ही एक टीम ऑब्जर्वर की तरह काम करती है।