7 अक्टूबर को इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद पहली बार UN ने माना है कि हमास आतंकियों ने हमले के दौरान न सिर्फ 1200 लोगों की हत्या की थी, बल्कि इजराइली और दूसरे देशों की महिलाओं के साथ रेप भी किया था।
UN की एजेंसी ‘स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ सेक्रेटरी जनरल ऑन सेक्शुअल वॉयलेंस इन कनफ्लिक्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक- 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल की कम से कम तीन लोकेशन्स से ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वहां महिलाओं से गैंगरेप हुआ था।
इसी दिन इजराइल ने गाजा पर हमला बोला था। जंग अब तक जारी है। हमास का दावा है कि इसमें अब तक 30 हजार फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
रेप के बाद मर्डर भी
रिपोर्ट के मुताबिक- कुछ सबूत ऐसे मिले हैं, जिनसे पता लगता है कि महिलाओं से रेप या गैंगरेप के बाद उनको मार डाला गया। इस रिपोर्ट के जारी होने के बावजूद इजराइल संतुष्ट नहीं है। उसने कहा- हमास ने बर्बरता की तमाम हदें पार कीं और UN इसकी निंदा तक नहीं कर पाया। उसे सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग बुलाकर हमास के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए था।
इजराइली फॉरेन मिनिस्टर इसराइल केत्ज ने कहा- UN अब भी इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। मैंने UN में अपने एंबैसडर से कहा है कि वो इस मामले को उठाएं। तमाम अधिकार होने के बावजूद UN सेक्रेटरी जनरल ने सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग क्यों नहीं बुलाई। हमास और उसके मददगारों पर अब तक पाबंदियां क्यों नहीं लगाई गईं?
पांच महीने क्या करता रहा UN
सोमवार को UN की यह रिपोर्ट जारी होने के बाद इजराइल के आम लोग बेहद गुस्से में हैं। इस बात की जानकारी खुद फॉरेन मिनिस्टर केत्ज ने कहा- हर सबूत सामने था। इसके बावजूद को यह समझने और मानने में 5 महीने लग गए कि हमास के आतंकियों ने इजराइली महिलाओं से गैंगरेप और फिर उनका कत्ल किया था। UN को शर्म आनी चाहिए कि वो इतने बड़े मामले की जांच तक नहीं करा पाया।
सीजफायर के सवाल पर इजराइली फॉरेन मिनिस्टर ने कहा- इजराइली बंधकों ने क्या मुश्किलें झेली हैं, हमें पहले यह पता करना है। क्या बंधक महिलाओं का बाद में भी रेप हुआ? ये भी पता करना है।
यह रिपोर्ट UN की स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव प्रमिला पैटन और उनकी टीम ने तैयार की है। प्रमिला के मुताबिक- आशंका है कि हमास की कैद में मौजूद महिलाओं के साथ ज्यादती हो रही होगी।
हथियार की तरह किया रेप का इस्तेमाल
जनवरी में यूएन में इजराइल के एंबैसडर गिलाद एदार्न ने हमास की वहशियाना रवैये पर एक रिपोर्ट पेश की थी। इसके मुताबिक- 7 अक्टूबर को इजराइल ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद का सबसे बड़ा नरसंहार देखा। इजराइलियों पर की गई ज्यादतियां ISIS और हिटलर के किए अत्याचारों से भी खतरनाक थीं। हमास ने परिवारों को जिंदा जलाया। पेरेंट्स के सामने बच्चों के सिर काट दिए।
गिलाद ने कहा- आतंकी यहीं नहीं रुके। हमास ने रेप का इस्तेमाल हथियार की तरह किया। हैरानी की बात ये है इंटरनेशनल एजेंसीज चुप रहीं। मैं साढ़े तीन साल से UN में इजराइल का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, लेकिन पहले कभी UN की एजेंसियों का ऐसा व्यवहार नहीं देखा।
इजराइल ने सबूत के तौर पर म्यूजिक फेस्ट में बचने वाले लोगों की गवाही के वीडियो चलाए। इनमें एक गवाह ने कहा कि हमास ने महिलओं के निजी अंगों पर गोलियां चलाईं।
इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।