यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क इलाके में घुसपैठ करके दुनिया को चौंका दिया। यूक्रेन ने दो सप्ताह में रूस के 1263 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया। इसी के साथ यूक्रेन ने दुनिया को बता दिया है कि रूस इस जंग में एकतरफा नहीं जीत सकता है।
हालांकि, एक और मोर्चे पर लड़ाई शुरू करने से यूक्रेन की सेना बंट गई है। इससे यूक्रेन की अपनी रक्षा करने की क्षमता पर असर पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की यह जीत कम समय के लिए है और हार में बदल सकती है। अभी यूक्रेन का फोकस कुर्स्क पर है, जिससे रूस को दोनेस्त्क के पोक्रोवस्क में आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञ तातियाना स्टैनोवाया कहती हैं कि रूस अपनी दुसरे विश्वयुद्ध की रणनीति अपना रहा है। उसकी यह रणनीति रही है कि वह पहले दुश्मन को अंदर आने देता है और फिर घेरकर हमला करता है। इस वजह से यूक्रेन का कुर्स्क अभियान जेलेंस्की के लिए उल्टा साबित हो सकता है।
नेपोलियन और हिटलर के साथ जो किया, अब जेलेंस्की के साथ करेगा रूस
रूस अपने दुश्मन को पहले अंदर आने देता है और फिर हमला करता है। उसने नेपोलियन से लेकर हिटलर तक को अपनी इसी रणनीति से हराया है।
नेपोलियन ने 1812 में 5 लाख सैनिकों के साथ रूस पर हमला किया था। रूस ने लड़ने की बजाय पीछे हटना शुरू कर दिया, जिससे नेपोलियन की आर्मी रूस में अंदर घुसती चली गई। इसी बीच ठंड बढ़ने लगी। खराब रास्तों की वजह से उनका सप्लाई सिस्टम बिगड़ गया और सैनिकों का खाना खत्म होने लगा।
नेपोलियन मॉस्को तक तो पहुंच गया, लेकिन उसकी सेना एक चैथाई ही बच पाई। इसके बाद, नेपोलियन को अपने बीमार सैनिकों के साथ जीते हुए रूस को छोड़ कर वापस फ्रांस लौटना पड़ा।
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान हिटलर जून 1941 में यूरोप के बड़े हिस्से को जीतने के बाद मॉस्को की तरफ आगे बढ़ा था। मगर ठंड बढ़ने से हिटलर की सेना फंस गई। जर्मन सेना के टैंक और हथियार भी कोहरे और बर्फबारी की वजह से खराब होने लगे। इस ठंड के साथ ही रूस की सेना ने जर्मन फौज पर हमला करना शुरू कर दिया। जिससे महज कुछ दूर होने के बावजूद नाजी सेना भयानक ठंड की वजह से मॉस्को पर कब्जा नहीं कर सकी और वापस लौट गई।
रूस ठंड के मौसम को दुश्मन के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करता आया है। रूस में अक्टूबर से सर्दियां शुरू होने वाली है। ऐसे में कुर्स्क में यूक्रेनी सेना का अंदर घुसना, उन पर उल्टा पड़ सकता है।
रूस को 8 महीने लगे, यूक्रेन ने उतना कब्जा 2 हफ्ते में ही कर लिया
यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 2024 के 8 महीने में जितने इलाके पर कब्जा किया है, उससे ज्यादा जमीन पर यूक्रेन ने 2 हफ्तों में कब्जा कर लिया है।
यूक्रेनी सेना के कमांडर-इन-चीफ ओलेक्सांद्र सिरस्की ने बताया कि यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क इलाके के 1,263 वर्ग किलोमीटर हिस्से पर कब्जा कर लिया है। हमारी सेना कुर्स्क में 28-35 किमी तक अंदर तक पहुंच गई है।
रूस विश्लेषक जॉर्ज बैरोस के मुताबिक रूस पूरे 2024 में 1253 वर्ग किमी यूक्रेनी जमीन पर कब्जा कर पाया, वहीं यूक्रेन ने 2 हफ्तों में 1263 वर्ग किलोमीटर रूसी जमीन पर कब्जा कर लिया है।
कुर्स्क में युद्ध बढ़ने से यूक्रेन की गति कम हुई है। यूक्रेन ने पहले सप्ताह में 1000 वर्ग किमी पर कब्जा कर लिया था, लेकिन दूसरे सप्ताह में 263 वर्ग किमी पर ही कब्जा कर पाया है।
मॉस्को पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला
यूक्रेन मॉस्को को भी ड्रोन हमलों से निशाना बना रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायु रक्षा बलों ने मास्को और उसके आसपास के इलाके में 11 ड्रोन मार गिराए। मॉस्को के मेयर सर्गेई सोब्यानिन ने कहा कि यह मॉस्को पर ड्रोन से हमला करने का अब तक की सबसे बड़ी कोशिश है। रूस ने मई 2023 में भी 8 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए गए थे।
मेदवेदेव बोले- यूक्रेन से कोई बातचीत नहीं होगी
रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि शांति के बारे में मध्यस्थों की बातचीत खत्म हो गई है, जिन्हें किसी ने नियुक्त नहीं किया था। कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी घुसपैठ का मतलब है कि जब तक यूक्रेन पूरी तरह से पराजित नहीं हो जाता, तब तक मॉस्को और कीव के बीच कोई बातचीत नहीं होगी।