भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यशाला 'एआई भारत मध्य प्रदेश' का आखिरी दिन रहा। इस दौरान कार्यशाला में भारत और राज्य सरकार के कई बड़े अधिकारी शामिल हुए। जिन्होंने डिजिटल इंडिया की डीजी लॉकर, एनटीटी लॉकर और एन एसडब्ल्यूएस जैसी कई विषयों पर चर्चा की।
साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी कई उभरती तकनीकों पर चर्चा हुई। वर्कशॉप का उद्देश्य डिजिटल इंडिया और डिजिटल मध्यप्रदेश अभियान को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाना है। यह वर्कशॉप भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आयोजित की है।
डिजीटल मध्यप्रदेश के तहत चार नई पॉलिसी शुरू
इस दौरान विशेषज्ञ गुरू प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पहली बार साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट कई नई पॉलिसी एक साथ लेकर आ रहे हैं। इसमें ड्रोन और सेमीकंडक्टर जैसी पॉलिसी शामिल हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने फरवरी 2025 में मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर और ड्रोन प्रमोशन एवं उपयोग नीति 2025 को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य राज्य को सेमीकंडक्टर और ड्रोन निर्माण, प्रशिक्षण और सेवाओं का प्रमुख केंद्र बनाना है।
डीजी लॉकर डिजीटल आइडेंटिटी पहचानने का भी काम करेगा
कार्यशाला में सीनियर मैनेजर एनईडीजी प्रसून कुमार ने बताया कि आने वाले समय में डीजी लॉकर को डिजिटल हस्ताक्षर, ई-स्टांप और अधिक उन्नत वॉलेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि यह डिजीटल आइडेंटिटी का भी मंच बन सके। डीजी लॉकर एक ऑनलाइन डिजिटल लॉकर है जिसे भारत सरकार ने बनाया है। इसमें जरूरी कागजात जैसे कि आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मार्कशीट, पैन कार्ड आदि डिजिटल रूप में सुरक्षित रखी जाती है।
कार्यशाला के पहले दिन आधार में प्री-डॉक्यूमेंट फाइलिंग और फेस डिटेक्शन जैसी तकनीकों के बारे में बताया गया था। साथ ही डिजिटल टेक्नोलॉजी, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा सुरक्षा और आधार से जुड़ी नवाचार परियोजनाओं पर भी विशेष सत्र हुए थे।
भारत का पहला SD-WAN राज्य नेटवर्क
पहले दिन कार्यशाला में बताया गया था कि मध्य प्रदेश ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत का पहला SD-WAN आधारित राज्य नेटवर्क बनाया है। यह नेटवर्क समाधान पूरे राज्य में सरकारी कार्यालयों को जोड़ने, डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
इसके साथ ही कार्यशाला में मध्य प्रदेश साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (MPCERT) में भी बताया गया, जो राज्य में डिजिटल सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। साथ ही साइबर हमले या सुरक्षा में गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई करती है।