डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा अमेरिका की प्रेसिडेंशियल डिबेट में दावा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति बने तो 24 घंटे के अंदर ही रूस-यूक्रेन जंग को खत्म कर देंगे। अब रूस ने इस पर जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि ट्रम्प ऐसा नहीं कर सकते हैं।
नेबेंजिया ने कहा कि जंग अप्रैल 2022 में ही खत्म हो सकती थी। पश्चिमी देशों ने तब ऐसा नहीं होने दिया। वे चाहते थे कि हम लड़ते रहे। जेलेंस्की अलग-अलग पीस समिट में भाग ले रहे हैं। ये पीस समिट एक मजाक है।
दरअसल, 15 जून को स्विट्जरलैंड में यूक्रेन जंग को लेकर एक पीस समिट हुआ था, जिसमें 90 से ज्यादा देश शामिल हुए थे। समिट में 10 पॉइंट का एक प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें जंग खत्म करने के लिए यूक्रेन से रूसी सेना की वापसी की मांग की गई थी। रूस ने इसका विरोध किया था।
ट्रम्प 2023 से कहते आ रहे हैं कि वे 24 घंटे में जंग खत्म कर देंगे
ट्रम्प ने सबसे पहले मई 2023 में कहा था कि जंग में रूसी और यूक्रेनी मर रहे हैं। मैं ये जंग 24 घंटे में खत्म कर दूंगा। तब उन्होंने कहा था कि वे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। इसके बाद से ट्रम्प लगातार इस बात को बार-बार दोहराते रहे हैं।
प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रम्प ने ये तक कह दिया था कि बाइडेन ने पुतिन पर जंग थोपी है। अगर वे राष्ट्रपति होते तो ये जंग कभी हुई ही नहीं होती।
रूस-यूक्रेन के बीच 2 साल से ज्यादा समय से जंग जारी
24 फरवरी 2022 को शुरू हई रूस-यूक्रेन जंग को 2 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की जिद के चलते व्लादिमिर पुतिन ने उस पर हमला किया था। पुतिन इस जंग को मिलिट्री ऑपरेशन बताते हैं।
जंग में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है। ये लोग अब अन्य देशों में रिफ्यूजी की तरह रह रहे हैं। 65 लाख से ज्यादा यूक्रेनी देश में ही बेघर हो गए हैं।
यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए था। इधर, रूस ने भी यूरोपियन यूनियन (EU) की कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।