सवाल - इंश्योरेंस इंडस्ट्री आम बजट में क्या देखना चाहती है?
हमें देखना होगा कि हम किस तरह पेंशन सोसायटी बनेंगे। लोग जिस रिटायरमेंट कॉरपस से एन्युइटी खरीदते हैं, उस पर पहले ही टैक्स चुकाया जा चुका होता है। लेकिन जो एन्युइटी उनको मिलती है, वह भी पूरी तरह टैक्स्ड होती है। यह एन्युइटी का डबल टैक्सेशन है। अगर किसी ने 50 लाख रुपये की एन्युइटी खरीदी, तो इस 50 लाख पर टैक्स नहीं होना चाहिए। इसे कैपिटल गेंस टैक्स की तरह होना चाहिए और उस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलना चाहिए। इनकम पर टैक्स होना चाहिए, न कि कॉरपस पर। इसके अलावा टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी घटाया जाना चाहिए। टैक्स रिलीफ से रिटायरमेंट के बाद के लिए बचत करने का प्रोत्साहन मिलेगा।
हमें देखना होगा कि हम किस तरह पेंशन सोसायटी बनेंगे। लोग जिस रिटायरमेंट कॉरपस से एन्युइटी खरीदते हैं, उस पर पहले ही टैक्स चुकाया जा चुका होता है। लेकिन जो एन्युइटी उनको मिलती है, वह भी पूरी तरह टैक्स्ड होती है। यह एन्युइटी का डबल टैक्सेशन है। अगर किसी ने 50 लाख रुपये की एन्युइटी खरीदी, तो इस 50 लाख पर टैक्स नहीं होना चाहिए। इसे कैपिटल गेंस टैक्स की तरह होना चाहिए और उस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलना चाहिए। इनकम पर टैक्स होना चाहिए, न कि कॉरपस पर। इसके अलावा टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी घटाया जाना चाहिए। टैक्स रिलीफ से रिटायरमेंट के बाद के लिए बचत करने का प्रोत्साहन मिलेगा।