सूरजपुर के सिलफिली निवासी आरपी गुप्ता शौकिया रूप से आम की खेती करते हैं। उनके पास मियाजाकी आम के दो पेड़ हैं, जिसमें से एक पेड़ से चौदह आम फले थे। 14 में से बहुत सारे आम वातावरण के अनुकुल नहीं होने के कारण बेकार हो गए। अन्य विदेशी प्रजातियाें की बात करें तो चाइना की नाम डाक मइ, फिलीपींस की आल टाइम मैंगो, अमेरिका की जंबो रेड, थाईलैंड की भस्तारा किस्मों ने भी लोगों को आकर्षित किया।
मैंगो फेस्टिवल का आज अंतिम दिन
मैंगो फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ की विभिन्न किस्मों के आम समेत अन्य राज्यों अहमदाबाद, लखनऊ, महाराष्ट्र, हैदराबाद इत्यादि से लगभग 200 वैरायटी के आमों की सजी हुई है। वहीं खास लखनऊ के आम और आम के पौधे दोनों ही विक्रय के लिए उपलब्ध है। प्रदर्शनी में रेशमी, बारहमासी, चौसा, कृष्णाभोग, केशर, चंदा, लंगड़ा, अंबिका, आम्रपाली, केसर, लालबाग, हिमायत, मल्लिका, दशहरी, खस उल खस सहित विभिन्न आमों की प्रदर्शनी देखने को मिल रही है।
मैंगो फेस्ट में प्रदेश, और देश के साथ विदेश के मुख्य उत्पादन किए जाने वाले आम की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा मैंगो फेस्टिवल में महिलाओं के लिए भी खास तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। महोत्सव में आए लोगों के मनोरंजन के लिए स्पेशल फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, युवाओं के लिए सिंगिंग प्रतियोगिता और महिलाओं के लिए आम से व्यंजन बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन का आज सोमवार को अंतिम दिन है।