मंगल पर आया सबसे जोरदार भूकंप और धरती पर हिल गए वैज्ञानिक, कर डाली नई खोज, जानें क्या मिला
Updated on
19-10-2023 02:17 PM
वॉशिंगटन: मंगल ग्रह पर 4 मई 2022 को नासा के इनसाइट लैंडर ने अब तक के सबसे बड़े भूकंप को रिकॉर्ड किया था। इसकी तीव्रता 4.7 थी। पृथ्वी की तुलना में यह सुनने में भले हल्का लग रहा हो, लेकिन हमारे पड़ोसी ग्रह मंगल के लिए स्थिति अलग है। पृथ्वी पर भूकंप टेक्टोनिक प्लेट की गतिविधियों के कारण आता है। लेकिन मंगल ग्रह के पास टेक्टोनिक प्लेट नहीं है। वैज्ञानिक पहले मानकर चल रहे थे कि मंगल पर आया यह भूकंप किसी बड़े उल्कापिंड के गिरने से आया होगा।
वैज्ञानिकों ने भूकंप के बाद इंपैक्ट क्रेटर यानी जिस जगह उल्कापिंड गिरता है उसकी खोज शुरू की, लेकिन उन्हें यह नहीं मिला। इसके बाद वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि भूकंप टेक्टोनिक गतिविधि के कारण हुआ है। ग्रह के आंतरिक भाग में गड़गड़ाहट और मंगल किस कारण हिलता है इसकी उन्हें समझ मिली। इससे जुड़ा शोध इसी सप्ताह जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुआ।
उल्कापिंड से नहीं आया भूकंप
इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ग्रह वैज्ञानिक और इस शोध के लेखक बेन फर्नांडो ने कहा, 'हमने निष्कर्ष निकाला कि इनसाइट की ओर से पकड़ा गया सबसे बड़ा भूकंप उल्कापिंड से न होकर टेक्टोनिक गतिविधि से आया था। यह खोज महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पता चलता है कि मंगल पर इतना तगड़ा भूकंप भी आ सकता है।' उन्होंने आगे कहा कि जब हमने पहली बार डेटा देखा तभी लगा था कि यह घटना एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
टेक्टोनिक प्लेटों पर क्या बोले वैज्ञानिक
इंपीरियल कॉलेज लंदन के ग्रह वैज्ञानिक और अध्ययन के सह-लेखक कॉन्स्टेंटिनो चारलाम्बस ने कहा, 'यह मंगल ग्रह की भूकंपीय गतिविधि के बारे में हमारी समझ में एक महत्वपूर्ण कदम है और हमें ग्रह की टेक्टॉनिक प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से जानने के एक कदम और करीब ले जाता है।' फर्नांडो का कहना है, 'हम अभी भी मानते हैं कि मंगल पर कोई सक्रिय प्लेट टेक्टोनिक्स नहीं है। इसलिए संभवता मंगल की परत के भीतर तनाव के रिलीज होने से हुई थी।' नासा के इनसाइट लैंडर ने मंगल ग्रह पर चार साल काम किया। इस दौरान उसने सैकड़ों झटकों को पकड़ा। इनमें से कई अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंडों के कारण बने।
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