बांग्लादेश बनने के तीन वर्ष बाद ही 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख्तापलट के दौरान शेख मुजीब की हत्या कर दी गई। शेख मुजीब की हत्या के बाद भी उनकी बेटी शेख हसीना अपनी बहन के साथ जर्मनी से दिल्ली आई थीं और कई साल तक रही थीं। 1981 में बांग्लादेश लौटकर शेख हसीना ने अपने पिता की राजनैतिक विरासत को संभाला था।