जर्मनी की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी हैम्बर्ग मस्जिद को बंद कर दिया गया है। ये मस्जिद ‘ब्लू मोसीक’ के रूप में पूरी दुनिया में चर्चित है। जर्मन पुलिस का कहना है कि इस मस्जिद को शिया मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन चलाती है और इसका ईरान की सरकार के साथ गहरा संबंध है।
पुलिस का कहना है कि ये ऑर्गनाइजेशन आतंकी संगठन हिजबुल्लाह का समर्थन करती है और ईरान में इस्लामिक क्रांति लाने की कोशिश कर रही है। जर्मनी ने हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन घोषित करते हुए 2020 में प्रतिबंध लगा दिया था।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में पुलिस ने इस्लामी आतंक से जुड़े होने के शक में 54 जगहों पर छापेमारी की है। इसमें मस्जिद के अलावा लोगों के घरों में भी छापे मारे गए हैं। इसे इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ सबसे बड़ा एक्शन बताया जा रहा है। ईरान ने इस कदम की आलोचना की है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
कई मस्जिदें बंद हुईं, हिजबुल्लाह का समर्थन करने का आरोप
जर्मन न्यूज वेबसाइट डायचे वेले के मुताबिक जर्मन पुलिस ने बर्लिन, फ्रैंकफर्ट और म्यूनिख में भी तीन बड़ी मस्जिदों पर छापे मारे हैं और उन्हें बंद कर दिया है। पुलिस ने इन मस्जिदों पर भी इस्लामी उग्रवाद से जुड़े होने, ईरानी सरकार का प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाया है।
जर्मनी की घरेलू एजेंसियों के मुताबिक इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग (IZH) का ईरान की कई मस्जिदों और संगठनों पर काफी गहरा प्रभाव है। इस पर 1993 से ही खुफिया एजेंसियों की नजर है।
गृह मंत्री फेसर बोलीं- किसी धर्म के खिलाफ अभियान नहीं
जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेसर ने कहा कि ये अभियान किसी खास धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि उनके खिलाफ है जो लोकतंत्र में यकीन नहीं रखते हैं और चरमपंथी संगठनों से जुड़े हैं। नैंसी फेसर ने इनपर यहूदी विरोधी भावनाएं भड़काने का भी आरोप लगाया है।
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक ईरान के विदेश मंत्रालय ने तेहरान में जर्मन राजदूत से इस घटना की शिकायत की है। उन्होंने इसे इस्लामोफोबिया करार दिया है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान ने जर्मन राजदूत से कहा है कि उनके इस कदम से धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है।