जिम्बाब्वे के वन प्राधिकरण के प्रवक्ता फरावो ने कहा कि आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद हाथियों को मारने का काम शुरू होगा। इसके लिए हाथियों की घनी आबादी वाले क्षेत्रों को लक्षित करेगा। दूसरी ओर जिम्बाब्वे स्थित सेंटर फॉर नेचुरल रिसोर्स गवर्नेंस के प्रमुख फराई मगुवु ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि हाथियों को अस्तित्व का अधिकार है और इंसान की भी आने वाली पीढ़ियां हाथियों को उनके प्राकृतिक रूप में देखने की हकदार हैं। ऐसे में हाथियों को मारा नहीं जाना चाहिए।