युवाओं का गुस्सा समझ नहीं पाईं हसीना
शेख हसीना अपने कार्यकाल की शुरुआत में युवाओं के बीच खूब लोकप्रिय रहीं। हालांकि, समय के साथ उनके जमीन से संबंध टूटते गए और उनके फैसलों का असर युवाओं पर दिखने लगा। पिछले पांच साल में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तेजी से बिगड़ी है। इसका असर सरकारी नौकरियों, वेतन और प्राइवेट सेक्टरों पर साफ देखा गया है। नकदी की कमी के कारण बांग्लादेश के युवाओं के लिए अवसरों की संख्या सीमित हो गई। विदेशी कंपनियों ने भी बांग्लादेश में निवेश से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया। इस बीच शेख हसीना ने अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए सरकारी नौकरियों में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के बच्चों को आरक्षण का ऐलान कर दिया। इस फैसले ने युवाओं के गुस्से को भड़का दिया, जिसे शेख हसीना ने कमतर समझने की भूल कर दी।