2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड 64 साल के तहव्वुर राणा की NIA कस्टडी आज खत्म हो रही है। जांच एजेंसी कोर्ट से राणा की और कस्टडी की मांग कर सकती है। हो सकता है NIA के अधिकारी उसे तिहाड़ जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करें।
कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार कर रही है। आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा।
आतंकी राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल प्लेन से अमेरिका से भारत लाया गया था। राणा का प्रत्यर्पण टॉप-सीक्रेट मिशन 'ऑपरेशन राणा' के तहत हुआ। उसे स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह की बेंच में पेश किया गया।
देर रात तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे 18 दिन की कस्टडी में भेज दिया था। तहव्वुर राणा से पिछले 18 दिन से मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारी दिल्ली के NIA ऑफिस में पूछताछ रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि राणा टालमटोल करता रहा और सहयोग नहीं कर रहा था।
तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
परिवार से बात करने की याचिका खारिज कर चुका कोर्ट
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 अप्रैल को तहव्वुर राणा की याचिका परिवार से बात करने की मांग वाली खारिज कर दी थी। राणा के वकील पीयूष सचदेवा ने तर्क दिया था कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर उसे अपने परिवार से बात करने का मौलिक अधिकार है। उसका परिवार उसके इलाज को लेकर चिंता में हैं।
हालांकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच का हवाला देते हुए इसका विरोध किया था और कहा कि राणा संवेदनशील जानकारी का खुलासा कर सकता है। इसके बाद स्पेशल NIA जस्टिस चंदर जीत सिंह ने तहव्वुर राणा की याचिका खारिज करने का फैसला किया।
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडा का नागरिक है राणा
64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है राणा
डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर राणा आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।
राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।