पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की रैली में एक समर्थक असली टाइगर लेकर पहुंच गया। ‘समा न्यूज’ के मुताबिक- घटना सोमवार 22 जनवरी की है। दरअसल, शेर पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) का इलेक्शन सिम्बल भी है।
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- जैसे ही नवाज को रैली में समर्थक के टाइगर लाने की जानकारी मिली, उन्होंने फौरन इसे वापस भेजने को कहा। बाद में पार्टी प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मरियम नवाज ने उर्दू में सोशल मीडिया पोस्ट किया। कहा- समर्थक इस तरह की हरकतें न करें।
पहले माजरा जान लीजिए
नवाज शरीफ लाहौर की एनए-130 सीट से जनरल इलेक्शन लड़ रहे हैं। NA-130 के मायने हैं, नेशनल असेंबली सीट नंबर 130। बहरहाल, नवाज कैम्पेन रैली के लिए सोमवार शाम लाहौर पहुंचे। रैली में लाया गया टाइगर लोहे के पिंजरे में कैद था। लेकिन, इसको देखने के लिए भीड़ जुटने लगी।
खबर लगते ही नवाज ने फौरन पार्टी के आला ओहदेदारों को इसे वापस भेजने को कहा। इसके बाद जो शख्स इसे लेकर आया था, वह इसे वापस भी ले गया। पार्टी प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- नवाज पहले ही कह चुके हैं कि कोई असली टाइगर या कोई दूसरा जानवर लेकर रैली में नहीं आएगा। हमें अपने नेता की बात माननी चाहिए। उन्होंने इस घटना पर नाराजगी जताई है।
शेर आया-शेर आया...और आ गया टाइगर
नवाज की पार्टी PML-N का इलेक्शन सिम्बल शेर ही है। नवाज शरीफ जब भी किसी रैली में जाते हैं तो अकसर उनके समर्थक ‘देखो...देखो कौन आया...शेर आया-शेर आया’ के नारे लगाते हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब नवाज की रैली में कोई समर्थक असली टाइगर या शेर लेकर आया हो। 2016 और इसके बाद 2018 में भी इस तरह का वाकया पेश आ चुका है।
पांच महीने पहले सड़क पर घूम रहा था शेर
अगस्त 2023 में पाकिस्तानी की पोर्ट सिटी (बंदरगाह वाला शहर) कराची के लोग उस वक्त दहशत में आ गए थे, जब यहां के एक बिजी मार्केट की सड़कों पर शेर खुलेआम टहलता नजर आया था।
तब कराची के एसएसपी शेराज नाजिर ने ‘डॉन न्यूज’ से कहा था- अब तक यही मालूम हुआ कि इस शेर को चार लोग पिकअप वैन से ले जा रहे थे। यह कूदकर भाग गया और पहले एक ट्रक के नीचे छिप गया। हमने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन टीम की मदद ली। इसके मालिकों का कहना है कि शेर बीमार था और वह इसे इलाज के लिए ले जा रहे थे।
कराची के लोकल मीडिया नेटवर्क ‘टाइम्स ऑफ कराची’ की रिपोर्ट के मुताबिक- एक बड़ी गाड़ी में कुछ लोग आए और चुपचाप इस शेर को यहां छोड़कर भाग गए। दूसरी तरफ, कुछ लोगों का यह भी दावा है कि यह शेर पालतू है और इसके मालिक इसे किसी दूसरी जगह शिफ्ट करना चाहते थे, इससे पहले ही यह गाड़ी से उतरकर भाग गया।
करीब एक घंटे तक अफरातफरी मची रही और लोग दहशत में भागते नजर आए। कुछ देर बाद वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन टीम और पुलिस ने मोर्चा संभाला। शेर को एक बेसमेंट में घेरा गया। इसके बाद उसे कथित तौर पर शॉटगन से नींद का इंजेक्शन देकर काबू किया गया। बाद में पिंजरे में कैद कर लिया गया।
सरकारी नियम
कराची सिंध प्रांत की राजधानी है। तीन साल पहले यहां नया वाइल्फ लाइफ कानून लागू किया गया था। यहां लोगों को जंगली जानवर रखने की मंजूरी दी जाती है, हालांकि इसके लिए शर्तें अब बेहद सख्त कर दी गईं हैं। लेकिन, करप्शन के चलते लोग इनका पालन नहीं करते। शेर भी पाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए 39 शर्तें पूरी करनी होती हैं।
जुल्फैक के घर में शेर
करीब पांच साल पहले पाकिस्तान में शेर से जुड़ी एक खबर काफी चर्चा में थी। मुल्तान में रहने वाले जुल्कैफ (33) ने शेर को पालतू बनाकर घर में रखा था। वे रोज उसे लेकर मार्निंग वॉक पर जाते थे। शेर से जुल्कैफ के परिवार को कोई परेशानी नहीं थी। जुल्फैक ने शेर को ‘बब्बर’ का नाम दिया। वह उसे कभी जंजीर से भी नहीं बांधते थे।
जुल्फैक ने दावा किया था कि उन्होंने संबंधित अथॉरिटी से शेर को घर में रखने की मंजूरी ली थी। बब्बर को उन्होंने 2012 में करीब 3 लाख रुपए में खरीदा था। 2018 तक जुल्फैक उसे पालने में हर महीने करीब 2 लाख रुपए तक खर्च करते थे। हालांकि, वे यह नहीं बताते कि शेर उन्होंने कहां से खरीदा था।
जुल्फैक का कहना है कि शेर के घर में आने के बाद वे दूर-दूर तक चर्चित हो गए। आसपास रहने वाले लोग सेल्फी लेने के लिए उनके घर आने लगे। हालांकि, अब जुल्फैक और उनके इस शेर के बारे में कोई खबर नहीं है।