दिल्ली की फर्म से उपकरण खरीदकर उसका भुगतान नहीं किए जाने के मामले में न्यायालय के नजारत विभाग के कर्मचारियों ने शुक्रवार को राज्य शासन के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक और प्रमुख सचिव के कार्यालय का फर्नीचर और अन्य सामान को कुर्क कर लिया। साल 2003 में पशुपालन एवं डेयरी विभाग को पारुल इंटरप्राइजेज दिल्ली के प्रोपराइटर प्रेम भसीन ने लगभग 40 लाख रुपए के उपकरण सप्लाई किए थे।
इसमें से भसीन को केवल 10 लाख का भुगतान किया गया। प्रेम भसीन ने शेष भुगतान दिलाए जाने के लिए साल 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। याचिका पर सुनवाई के बाद 17 दिसंबर 2013 को हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश जस्टिस मुरलीधर ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग को याचिकाकर्ता को ब्याज के 40 लाख रुपए भुगतान करने के आदेश दिए थे।
जब पशुपालन विभाग ने भुगतान नहीं किया तो दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का पालन न किए जाने पर याचिकाकर्ता ने न्यायालय में वर्ष 2019 में वसूली की याचिका प्रस्तुत की थी। अपर जिला न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने 21 जनवरी 2020 को यह मामला भोपाल के प्रधान जिला न्यायाधीश को ट्रांसफर कर दिया, क्योंकि इसमें भुगतान करने वाले प्रतिवादी भोपाल के थे।
जिला न्यायालय में हुई थी सुनवाई
इसके बाद इस मामले की भोपाल की जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। अपर जिला न्यायाधीश जैनुल आबेदीन ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक और प्रमुख सचिव के कार्यालय का फर्नीचर व अन्य सामान कुर्क करने के आदेश दिए थे। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से संदीप उमरे और इकराम खान अधिवक्ता ने पैरवी करते हुए चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश जैनुल आबेदीन के न्यायालय में याचिका पेश की थी।