Select Date:

श्रावण में सूर्य पूजा

Updated on 07-07-2023 10:02 PM
भगवान शिव की भक्ति का महीना श्रावण (सावन) (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से शुरू हो चुका है। (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहां 18 जुलाई, मंगलवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा)
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार श्रावण मास के प्रत्येक रविवार को, हस्त नक्षत्र से युक्त सप्तमी तिथि को सूर्य भगवान की पूजा विशेष फलदायी होती है । श्रावण के रविवार को शिवपूजा पाप नाशक कही गयी है। अतः रविवार को सूर्य भगवान की पूजा जरूर करें।

🙏🏻 अग्निपुराण के अनुसार
" कृता हस्ते सूर्यवारं नतेन्नाब्दं स सर्वभाक " अर्थात हस्तनक्षत्रीकृत रविवार को एक वर्ष तक नक्तव्यत द्वारा मनुष्य सब कुछ पा लेता है |
🌞 कहते हैं सूर्य शिव के मंदिर में निवास करता है अतः शिव मंदिर में भोलेनाथ तथा सूर्य दोनों की की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
🙏🏻 शिवपुराण में सूर्यदेव को शिव का स्वरूप व नेत्र भी बताया गया है, जो एक ही ईश्वरीय सत्ता का प्रमाण है। सूर्य और शिव की उपासना जीवन में सुख, स्वास्थ्य, काल भय से मुक्ति और शांति देने वाली मानी गई है।
🌞 श्रावण में सूर्य पूजा कैसे करें :
🙏🏻 सूर्योदय के समय सूर्य को प्रणाम करें, सूर्य को ताम्बे (ताम्र) के लोटे से “जल, गंगाजल, चावल, लाल फूल(गुडहल आदि), लाल चन्दन" मिला कर अर्घ्य दें | सूर्यार्घ्य का मन्त्र: “ॐ एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणार्घ्यं दिवाकर” है। अगर यह नहीं बोल सकते तो  ॐ अदित्याये नमः अथवा ॐ घृणि सूर्याय नमः का जप करे ।
🙏🏻 प्रतिदिन 12 ज्योतिर्लिंगों के नामों का स्मरण करें।
🙏🏻 शिवलिंग पर घी, शहद, गुड़ तथा लाल चन्दन अर्पित करें । सभी चीज़ें अर्पित न कर पाओ तो कोई भी एक अर्पित करें। लाल रंग के पुष्प जरूर अर्पित करें।
🔥 शिव मंदिर में ताम्बे के दीपक में ज्योत जलाएं।
🙏🏻 प्रतिदिन अत्यन्त प्रभावशाली आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें। भविष्यपुराण के अनुसार जो रविवार को नक्त-व्रत एवं आदित्यह्रदय का पाठ करते है वे रोग से मुक्त हो जाते हैं और सूर्यलोक में निवास करते हैं।
युधिष्ठिरविरचितं सूर्यस्तोत्र का पाठ करें।
🙏🏻 12 मुखी रुद्राक्ष भगवान सूर्य के बारह रूपों के ओज, तेज और शक्ति का केन्द्र बिन्दू है। इसे जो भी पहनता है उसे हर तरह का धन वैभव ज्ञान और सभी तरह के भौतिक सुख मिलते है।
🙏🏻 सूर्य यदि शनि या राहू के साथ हो तो रविवार को रुद्राभिषेक करवायें।
🙏🏻 प्रतिदिन गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार पाठ करें
निम्न मंत्र से शिव का ध्यान करें - "नम: शिवाय शान्ताय सगयादिहेतवे। रुद्राय विष्णवे तुभ्यं ब्रह्मणे सूर्यमूर्तये।।"
शिवप्रोक्त सूर्याष्टकम का नित्य पाठ करें ।
🙏🏻 दोनों नेत्रों तथा मस्तक के रोग में और कुष्ठ रोग की शान्ति के लिये भगवान् सूर्य की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन कराये। शिवलिंग पूजन आक के पुष्पों, पत्तों एवं बिल्व पत्रों से करें। तदनंतर एक दिन, एक मास, एक वर्ष अथवा तीन वर्षतक लगातार ऐसा साधन करना चाहिये।  इससे यदि प्रबल प्रारब्धका निर्माण हो जाय तो रोग एवं जरा आदि रोगों का नाश हो जाता हैं।
🌞 सूर्याष्टकम
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते ॥
सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपमात्मजम् ।
श्वेत पद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम ॥
लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्॥
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
बृंहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।
प्रभुं च सर्व लोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
बन्धुकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम् ।
एकचधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज: प्रदीपनम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
॥इति श्री शिवप्रोक्तं सूर्याष्टकं सम्पूर्णम्॥

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 21 April 2025
वारः सोमवारविक्रम संवतः 2082शक संवतः 1947माह/पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्षतिथि: अष्टमी शाम 6 बजकर 58 मिनट तक तत्पश्चात नवमी रहेगी.चंद्र राशि: मकर राशि रहेगीचंद्र नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक तत्पश्चात श्रवण नक्षत्र रहेगा.योग: साध्य…
 20 April 2025
दिन -  रविवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*🌤️ *शक संवत -1947*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - वैशाख (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*🌤️ *पक्ष - कृष्ण* 🌤️ *तिथि…
 19 April 2025
वारः शनिवारविक्रम संवतः 2082शक संवतः 1947माह/पक्ष : वैशाख मास – कृष्ण पक्षतिथि : षष्ठी शाम 6 बजकर 21 मिनट तक तत्पश्चात सप्तमी रहेगी.चंद्र राशि: धनु राशि रहेगी.चंद्र नक्षत्रः मूल नक्षत्र सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक तत्पश्चात…
 18 April 2025
दिन - शुक्रवार**⛅विक्रम संवत् - 2082**⛅अयन - उत्तरायण**⛅ऋतु - बसन्त**⛅मास - वैशाख**⛅पक्ष - कृष्ण**⛅तिथि - पञ्चमी शाम 05:07 तक तत्पश्चात् षष्ठी**⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 08:21 तक तत्पश्चात् मूल* *⛅योग- परिघ रात्रि…
 17 April 2025
वारः गुरुवार, विक्रम संवतः 2082, शक संवतः 1947.माह/पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्ष.तिथि : चतुर्थी दोपहर 3:23 मिनट तक तत्पश्चात पंचमी रहेगी.चंद्र राशि: वृश्चिक राशि रहेगी.चंद्र नक्षत्र: ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा.योग : वरियान योग रहेगा.अभिजित मुहूर्तः दोपहर 11:25से 12:45तकदुष्टमुहूर्त: चतुर्थी में कोई भी…
 16 April 2025
वारः बुधवारविक्रम संवतः 2082शक संवतः 1947माह/पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्षतिथि: तृतीया दोपहर 1 बजकर 17 मिनट तक तत्पश्चात चतुर्थी तिथि रहेगी.चंद्र राशिः वृश्चिक राशि रहेगी.चंद्र नक्षत्र: अनुराधा नक्षत्र रहेगा.योगः व्यतिपात रात 12 बजकर 17 मिनट तक तत्पश्चात…
 15 April 2025
वारः मंगलवार, विक्रम संवतः 2082 , शक संवतः 1947, माह/ पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्ष, तिथि : द्वितीया सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक तत्पश्चात तृतीया रहेगी. चंद्र राशिः तुला रात 8 बजकर 25 मिनट तक तत्पश्चात वृश्चिक राशि रहेगी. चंद्र…
 14 April 2025
वारः सोमवार, विक्रम संवतः 2082, शक संवतः 1947, माह/पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्ष, तिथि: प्रतिपदा सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक तत्पश्चात द्वितीया रहेगी. चंद्र राशि: तुला राशि रहेगी . चंद्र नक्षत्र: स्वाती रात 12 बजकर 13 मिनट तक तत्पश्चात विशाखा नक्षत्र…
 13 April 2025
वारः रविवार, विक्रम संवतः 2082 , शक संवतः 1947,  माह/पक्ष: वैशाख मास- कृष्ण पक्ष. तिथि: प्रतिपदा तिथि रहेगी. चंद्र राशि: कन्या राशि सुबह 7 बजकर 39 मिनट तक तत्पश्चात तुला राशि रहेगी. चंद्र नक्षत्र:…
Advertisement