80 साल की मां पर बेटे उठा रहे सवाल... भगोड़े ललित मोदी के परिवार में क्यों मचा है बवाल
Updated on
04-07-2024 11:37 AM
नई दिल्ली: दिवंगत उद्योगपति के के मोदी के परिवार की कलह लगातार बढ़ती जा रही है। वह अपने परिवार के लिए 11,000 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गए हैं जिसका बंटवारा उनकी पत्नी बीना मोदी, बेटों ललिल मोदी और समीर मोदी तथा बेटी चारू के बीच होना है। लेकिन ललिल मोदी और समीर मोदी ने अपनी मां के शेयरहोल्डर वोटिंग राइट्स के उपयोग पर सवाल उठाया है। बीना मोदी गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड की एमडी और कंपनी के प्रमोटर ग्रुप की मेंबर हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी भाइयों को डर है कि उनकी मां केके मोदी इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (KKMIFS) पर अपने नियंत्रण का फायदा उठाकर सितंबर में कंपनी के बोर्ड में अपनी फिर से नियुक्ति को प्रभावित कर सकती हैं। इस कंपनी के जरिए मोदी परिवार के पास गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया में 48% हिस्सेदारी है।
संपत्ति के बंटवारे को लेकर बीना मोदी का अपने दो बेटों और पोते-पोतियों के साथ विवाद चल रहा है। कंपनी के बोर्ड में फिर से नियुक्ति के समय उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक हो जाएगी। इसलिए नियमों के मुताबिक ऐसी नियुक्ति की मंजूरी के लिए एक विशेष प्रस्ताव की जरूरत होगी जिसमें 75% शेयरधारकों को इसके पक्ष में मतदान करना होगा। सूत्रों ने बताया कि समीर और ललित मोदी का मानना है कि उनकी मां का पारिवारिक ट्रस्ट पर नियंत्रण है। इस ट्रस्ट के पास केकेएमआईएफएस के शेयर हैं। साथ ही उनके पास अप्रत्यक्ष रूप से गॉडफ्रे फिलिप्स के शेयरों का भी मालिकाना हक है। इससे वह कंपनी की आगामी सालाना आम बैठक में अपनी फिर से नियुक्ति के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर सकती हैं।
क्या हैं आरोप
सूत्रों ने बताया कि गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के बोर्ड को हाल ही में भेजे गए एक मेसेज में समीर मोदी ने बीना मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने केकेएमआईएफएस के शेयरों पर 'एकतरफा' वोटिंग की ताकि अन्य ट्रस्टियों और लाभार्थियों को नुकसान पहुंचाते हुए अपने निजी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने दावा किया कि उनकी मां अपने वोटिंग अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं। उनका साथ ही कहना है कि गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के अन्य बोर्ड मेंबर उनकी मां से मिले हुए हैं।इस बीच लंदन में रह रहे ललित मोदी ने भी अपने बेटे रुचिर के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर पारिवारिक ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी पद से बीना मोदी को हटाने की भी मांग की है। केकेएमआईएफएस के वोट गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के बोर्ड में बीना मोदी की फिर से नियुक्ति के लिए महत्वपूर्ण होंगे। फिलिप मॉरिस ग्लोबल ब्रांड्स इंक के पास 25.1% और पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 27.01% शेयरहोल्डिंग है जो बीना मोदी की बोर्ड में फिर से नियुक्ति वाले प्रस्ताव पर वोटिंग में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
विवाद की जड़
समीर मोदी और बीना मोदी ने प्रेस टाइम तक सवालों का जवाब नहीं दिया। गॉडफ्रे फिलिप्स और फिलिप मॉरिस ग्लोबल ब्रांड्स इंक ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया। समीर मोदी की वकील सिमरन सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बीना मोदी की लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ललित मोदी की वकील अनुराधा दत्त ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। मोदी परिवार में विवाद का मुख्य कारण 11,000 करोड़ रुपये की विरासत का बंटवारा है। परिवार के मुखिया के के मोदी का 2019 में निधन हो गया था। उनकी विरासत में लिस्टेड कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स में परिवार की करीब 50% हिस्सेदारी शामिल है। मौजूदा बाजार मूल्य पर इसकी कीमत 5,500 करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही मोदी परिवार की कई अन्य कंपनियों में भी परिवार के शेयर हैं।
नई दिल्ली: कथित तौर पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोप में घिरे गौतम अडानी को लेकर पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि…
नई दिल्ली: कोका कोला और पेप्सी के बाद अब मुकेश अंबानी ने पारले और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों की टेंशन बढ़ा दी है। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब ब्रिटानिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर ,…
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के हाथ से बड़ी तेल रिफाइनरी लगभग फिसल गई है। यह रिफाइनरी रत्नागिरी में लगाई जानी थी। अब सरकार ने इसे यहां लगाने ने लगभग मना कर दिया…
नई दिल्ली: शेयर मार्केट कब किसे रातों रात करोड़पति बना दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। कई बार यह तगड़ा नुकसान भी कर देती है। पिछले महीने यानी अक्टूबर का आखिर…
नई दिल्ली: ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल आज बहुत खुश होंगे। कारण है एक डिसीजन से उनकी कंपनी के शेयर में आई बंपर तेजी। आज बुधवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर…
नई दिल्ली: अमेरिका की नीतियों में बदलाव और चीन की अनिश्चित विकास दर के चलते 2025 में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुश्किल समय आने वाला है। जेपी मॉर्गन ने अपनी वार्षिक…