बांग्लादेश की PM शेख हसीना ने दावा किया है कि बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ इलाकों को तोड़कर ईस्ट तिमोर जैसा देश बनाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि वो ऐसा कभी भी नहीं होने देंगी। हालांकि, अपने बयान में PM हसीना ने यह नहीं बताया कि इस प्लान के पीछे आखिर कौन से देश हैं।
बांग्लादेशी वेबसाइट द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक शेख हसीना ने ये भी दावा किया कि उन्हें 7 जनवरी को हुए चुनाव से पहले ये ऑफर दिया गया था कि यदि वह अपने देश की सीमा में एयरबेस बनाने की अनुमति देती हैं तो उन्हें बिना किसी परेशानी के चुनाव कराने दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यहां भी ये नहीं बताया कि उन्हें ये ऑफर किस देश की तरफ से दिया गया था।
अवामी लीग की अध्यक्ष हसीना ने रविवार को गोनो भवन में 14 पार्टियों की बैठक में भाषण देते हुए यह टिप्पणी की। रिपोर्ट के अनुसार, देश में चुनाव के बाद अवामी लीग के अध्यक्ष के साथ 14 दलों की यह पहली बैठक थी।
PM हसीना बोलीं- देश-विदेश दोनों जगह रची जा रही साजिश
बांग्लादेशी PM ने ये जोर देकर कहा कि वह घरेलू और बाहरी दोनों ही मोर्चे पर कड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। PM हसीना ने अपने संबोधन में कहा, “वे ईस्ट तिमोर की तरह बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को लेकर ईसाई देश बनाने की फिराक में हैं जिसका आधार बंगाल की खाड़ी में होगा।”
उन्होंने कहा कि सदियों से बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियां होती रही हैं, लेकिन अब कइयों की नजर इस इलाके पर है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में कोई विवाद नहीं है न ही कहीं संघर्ष की स्थिति है। वह इस इलाके में कभी ऐसा होने भी नहीं देंगी।
ऑफर देने वाले देश के नाम का नहीं किया खुलासा
हालांकि, एयरबेस के ऑफर से जुड़े सवालों पर PM हसीना ने कहा कि एक गोरा विदेशी शख्स उनके पास ये प्रपोजल लेकर आया था। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि वे एक देश बनाना चाहते हैं, लेकिन उनकी सोच कहीं आगे की है। शेख हसीना ने कहा कि यही वजह है कि उनकी अवामी लीग सरकार हमेशा संकट में रहती है।
शेख हसीना ने कहा कि आगे और परेशानी बढ़ने वाली है मगर इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही अपने भाषण में शेख हसीना ने विपक्षी पार्टी BNP का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे वो देश में आम चुनाव को रोकना चाहती थी।
ईस्ट तिमोर को जानिए
ईस्ट तिमोर को तिमोर-लेस्ते के नाम से भी जाना जाता है। ये एक ईसाई बहुल देश है। ईस्ट तिमोर 16वीं शताब्दी से पुर्तगाल का उपनिवेश था और कई शताब्दियों तक ये पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। साल 1975 ने ईस्ट तिमोर को आजाद कर दिया। हालांकि, कुछ ही दिनों के बाद इस पर इंडोनेशिया ने कब्जा कर लिया और इसे अपना 27वां राज्य घोषित कर दिया।
इस दौरान इंडोनेशिया ने स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने की खूब कोशिश की। आखिरकार 1999 में इंडोनेशिया, ईस्ट तिमोर में जनमत संग्रह करने पर सहमत हुआ। इसके बाद साल 2002 में ईस्ट तिमोर एक स्वतंत्र देश बन गया। यह 21वीं सदी में आजाद होने वाला पहला और एशिया का सबसे नया देश बना।