नई दिल्ली । समद्री क्षेत्र हिंद महासागर में निगरानी के लिए भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से प्रक्षेपित किया जाने वाला उपग्रहों का समूह जहाजों से होने वाले तेल के अवैध रिसाव का पता लगाने में सक्षम होगा। फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछले साल अगस्त में सीएनईएस और इसरो ने दूरसंचार उपकरण, रडार और ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग उपकरण ले जाने में सक्षम उपग्रहों का एक समूह तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई थी। यह अंतरिक्ष में स्थित दुनिया की पहली ऐसी प्रणाली होगी, जिसके जरिए पानी के जहाजों पर लगतार नजर रखी जा सकेगी। अधिकारी ने कहा कि इसका निगरानी केन्द्र भारत में होगा। उन्होंने कहा कि उपग्रहों में नजर रखने की क्षमता होगी, जिसके चलते समुद्री गतिविधियों को कई बार देखा जा सकता है। इसके जरिए जहाजों में होने वाले गैस-रिसाव का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य जहाजों में होने वाले तेल के अवैध रिसाव का पता लगाना है।