ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्म फल प्रदाता, दंडा धिकारी की संज्ञा प्राप्त है । वर्तमान समय में 29जून 2024 की रात्री में 12 बजकर 35मिनट पर अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं ता 15 नवंबर 2024तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे
पूरे 139दिनों के वक्री अवस्था में रहने के बाद मार्गी होंगे । इस दौरान प्रथम देव गुरू बृहस्पति और बाद में राहू के नक्षत्र में संचरण करेंगे
जिन राशियों में कारक होते है जैसे वृषभ मिथुन कन्या में अधिक शुभ प्रभाव देंगे तुला राशि के लिए पंचम भाव में होने से कष्टप्रद होंगे
जिन राशियों में कारक नहीं है जैसे मेष कर्क सिंह वृश्चिक वालों को सावधानी की जरूरत है लग्न राशि कोई भी हो शनि चंद्रमा का संबंध होने पर ही ज्यादा कष्टप्रद होता हैं अन्यथा नहीं। शनि देव का अगला राशि परिवर्तन 29मार्च 2025 को मीन राशि में होगा ।