चंद्रयान-2 मिशन से कैसे बाहर हुआ रूस
हालांकि, चंद्रयान-2 के लिए रूस जिस तरह के लैंडर और रोवर विकसित कर रहा था, उसमें एक अलग मिशन पर समस्याएं सामने आईं। इसके बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस को लैंडर की डिजाइन में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा। नया डिजाइन बड़ा था और इसे भारतीय रॉकेट में आसानी से फिट नहीं किया जा सकता था। अंतर में रूस चंद्रयान-2 मिशन से बाहर हो गया और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को स्वदेशी लैंडर और रोवर के विकास में लगना पड़ा । इस काम में 7 साल का समय लगा और चंद्रयान-2 को 2019 में लॉन्च किया जा सका।