एफटीए जो अभी तक अटका हुआ था उसे नया मूमेंटम मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है। हर्ष वी. पंत ने कहा कि चीन को लेकर जो उदासीनता पश्चिमी देशों में देखने को मिली थी वह अभी जारी रहेगी क्योंकि स्टार्मर ने भी उसी पॉलिसी को आगे ले जाने की बात कही है। हिंद-प्रशांत में ब्रिटेन का ज्यादा इंगेजमेंट हो इसका भी स्टार्मर समर्थन कर चुके हैँ। स्टार्मर ने विदेश नीति में कोई बहुत बड़े बदलाव की बात नहीं कही है इसलिए लगता है कि भारत और ब्रिटेन के संबंधों को लेकर बहुत ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है।