कोविड-19 को लेकर भारत में मुस्लिमों के विरूद्ध बयानबाजी अनुचित: अमेरिकी राजनयिक
Updated on
16-05-2020 05:21 PM
वाशिंगटन। वैश्विक महामारी कोविड19 को लेकर अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक बीमारी के संक्रमण के संबंध में भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ ‘बयानबाजी और उनके उत्पीड़न’ को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें अमेरिका ने देखी हैं और फर्जी खबरों एवं सोशल मीडिया पर गलत जानकारियों की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत सैम ब्रॉउनबैक ने वैश्विक महामारी के अप्रत्याशित रूप से फैलने के बीच एकजुटता बनाए रखने की वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के बयान की प्रशंसा भी की।
ब्राउनबैक दुनियाभर के अल्पसंख्यक समुदाय पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कहा, ‘हमने भारत में कोविड-19 के संबंध में खास तौर पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बयानबाजी और प्रताड़ना से जुड़ी खबरें देखीं है। सोशल मीडिया पर साझा की जा रहीं गलत जानकारियों और फर्जी खबरों की वजह से ये और बढ़ी हैं। ऐसी कई घटनाएं हुईं, जब कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने का आरोप लगाकर मुस्लिमों पर हमले किए गए।’ अमेरिकी अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर कहा, ‘हालांकि भारत के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एकता की अपील से जुड़े बयानों से हमारा (भारत पर) भरोसा बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने भी कहा कि कोविड-19 धर्म, भाषा, सीमा नहीं देखता, जो कि निश्चित तौर पर सही है।’
भारत ने कोरोना वायरस फैलने के संबंध में देश में मुस्लिमों को प्रताड़ित करने संबंधी कुछ सोशल मीडिया पोस्ट को खारिज करते हुए इसे ‘दुष्प्रचार’ करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले महीने कहा था, ‘आपने जो देखा है, उनमें से अधिकतर अपना हित साधने वाले पक्षों का किया दुष्प्रचार है। किसी भी ट्वीट को उठाकर उनसे इन देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित नहीं किया जा सकता है।’ उनका यह बयान ऐसे समय में आया था, जब अरब देशों के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और हस्तियों ने ट्वीट करके ये आरोप लगाए थे कि भारत में कोविड-19 महामारी फैलाने के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी तरह के उत्पीड़न की निंदा करते हुए कहा था कि कोविड-19 का असर सब पर समान है और वह हमला करने से पहले नस्ल, धर्म, रंग, जाति, और सीमा नहीं देखता।
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