अरुणाचल को लेकर बढ़ रहा है विवाद
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि हिमालय से सटे या आसपास बसे देशों में रेलवे, हाइवे, एविएशन, पावर ग्रिड और कम्युनिकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा बंदरगाहों पर कस्टम क्लियरेंस को आसान बनाया जाएगा। इस सम्मेलन में पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और मंगोलिया के भी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। पाकिस्तान के केयरटेकर विदेश मंत्री भी तिब्बत पहुंचे थे। ये सभी देश चीन के बीआरआई का हिस्सा हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि चीन ने भारत को क्यों इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया।
भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक सीमा पर तनाव बना हुआ है। चीन ने पिछले महीने अरुणाचल प्रदेश के भारतीय एथलीटों को वीजा नहीं दिया था। ये एथलीट चीन में चल रहे एशियाई खेलों में हिस्सा लेने जाने वाले थे। तिब्बत में चल रहे इस हिमालयी सम्मेलन के शुरुआती भाषण में कम्युनिस्ट पार्टी के विदेशी नीति के प्रमुख वांग यी ने क्षेत्र के सभी देशों का आह्वान किया कि वे एक-दूसरे के क्षेत्र का सम्मान करें। साथ ही स्थिरता और समृद्धि और सतत विकास को सुनिश्चित करें। बता दें कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास बड़े पैमाने पर हथियार तैनात किया है।