अमेरिका में इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने 39 साल के जेम्स डेविड वेंस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। अमेरिकी मीडिया TIME के मुताबिक वेंस ने अपनी सक्सेस के पीछे का कारण पत्नी ऊषा को बताया है। उन्होंने बताया कि ऊषा ने उनका हमेशा सपोर्ट किया। 38 साल की ऊषा भारतीय मूल की है।
ऊषा का जन्म और स्कूली शिक्षा सैन डिएगो में हुई। उनके माता-पिता 1980 के दौरान आंध्र से अमेरिका आकर बसे गए थे। अमेरिका में रहने के बावजूद उनके माता-पिता ने वहां की मॉडर्न संस्कृति से प्रभावित हुए बिना उन्हें भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म के अनुसार शिक्षा और संस्कार दिए। बाद में वेंस भी इन संस्कारों से प्रभावित हुए।
ऊषा की मां एक बायोलॉजिस्ट हैं और पिता इंजीनियर। ऊषा कहती हैं कि उन्होंने अपने माता-पिता के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए ही पढ़ाई की है। येल से बैचलर की डिग्री हासिल करने के बाद ऊषा ने गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलरशिप की मदद से कैम्ब्रिज से मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की।
ऊषा ने 2014 में वेंस से शादी की
इसके बाद उन्होंने दोबारा येल लौट लॉ स्कूल में एडमिशन लिया, जहां उनकी मुलाकात वेंस से हुई। यहां स्टडी के दौरान, दोनों अच्छे दोस्त बने। बाद में दोनों को प्यार हो गया। वेंस सबसे पहले उषा के क्लास असाइनमेंट से प्रभावित हुए थे। वेंस का बचपन परिवार में बिखराव की दर्दनाक यादों में बीता।
ऊषा ने वेंस को इमोशनल सपोर्ट देकर इससे उबारा था। दोनों ने 2014 में शादी की। उनके तीन बच्चे हैं: बेटे- इवान, विवेक और बेटी- मिराबेल। ऊषा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स के लिए क्लर्क के रूप में काम किया। वे मंगर, टोल्स और ऑल्सन नामक कानूनी फर्म में काम में भी काम कर चुकी हैं।
बाइडेन की पार्टी डेमोक्रैटिक की समर्थक समर्थक रह चुकी हैं ऊषा
ऊषा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पार्टी डेमोक्रैटिक की समर्थक रह चुकी हैं। उन्होंने 2014 में डेमोक्रेट्स के रूप में खुद को रजिस्ट्रड किया था। हालांकि, 2018 के बाद उन्होंने अपना राजनीतिक स्पोर्ट बदला।
उन्होंने हमेशा अपने राजनीतिक विचारों को निजी रखा है, लेकिन वे अपने पति के राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण सहारा बनी रही हैं।
पहले ट्रम्प विरोधी थे वेंस
ट्रम्प समर्थक बनने से पहले 2021 तक वेंस उनके कट्टर विरोधी हुआ करते थे। 2016 में एक इंटरव्यू में वेंस ने ट्रम्प को निंदा के योग्य कहा था। उनके स्वभाव और लीडरशिप स्टाइल पर भी सवाल उठाए थे। फिर 2021 में उन्होंने इसके लिए ट्रम्प से माफी मांगी। साथ ही रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद वे ट्रम्प के करीबी बन गए।
जेडी अमेरिका की मरीन कॉर्प्स में स्पेशल कमांडो के तौर पर काम कर चुके हैं। उनको नाटो विरोधी और इजराइल का कट्टर समर्थक बताया जाता है।