लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो गए हैं। भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाई। चुनाव से पहले ही विदेश दौरों को स्वीकार करने वाले नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए दूसरी पार्टियों पर निर्भर हैं।
नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार PM बन सकते हैं। अगर वे एक बार फिर से पीएम बनते हैं तो वे जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे पीएम होंगे।
मॉरीशस के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ने दी बधाई...
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनॉथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव में जीत पर बधाई दी है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र ऐसे ही विकास करता रहेगा। मॉरीशस-भारत के संबंध हमेशा अमर रहें।
सत्ता में आते ही भारत से विवाद बढ़ाने वाले मुइज्जू ने भी मोदी को बधाई दी है...
चुनाव में ऐतिहासिक जीत के लिए मेरे दोस्त मोदी और NDA को शुभकामनाएं। वे भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।
नेपाल-भूटान के लीडर्स बोले- PM मोदी के नेतृत्व में भारत नई ऊंचाइयां छुएगा...
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरी बार सत्ता में आने पर बधाई दी। दहल ने एक पोस्ट कर लिखा कि NDA को दुनिया में सबसे बड़े चुनाव में तीसरी बार जीत के लिए बधाई। मोदी की जीत से भारत नई ऊंचाई छुएगा। हम उनके साथ मिलकर भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करेंगे।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और NDA को तीसरे कार्यकाल के लिए जीत पर बधाई दी है। मोदी की जीत से भारत नई ऊंचाई छुएगा। हम उनके साथ मिलकर भारत-भूटान के संबंधों को और ज्यादा मजबूत करेंगे।
भारत की मदद से आर्थिक तंगी से निकले पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति ने लिखा...
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने BJP और PM मोदी को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "मैं BJP के गठबंधन NDA को चुनाव में जीत की बधाई देता हूं। भारत के सबसे करीबी पड़ोसी होने के नाते हम उनके साथ पार्टनरशिप और मजबूत करते रहेंगे।"
किसी पार्टी को बहुमत नहीं फिर मोदी को बधाई क्यों दे रहे वर्ल्ड लीडर्स?
अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफेसर राजन कुमार के मुताबिक बहुमत नहीं मिलने की परिस्थिति में वर्ल्ड लीडर्स उस पार्टी या नेता को बधाई देते हैं जिसे सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। भारत के केस में वर्ल्ड लीडर्स मोदी को बधाई दे सकते हैं। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
हालांकि अगर राजनीतिक उठापटक की स्थिति बन रही हो तो बधाई देने से पहले सरकार बनने तक का इंतजार किया जाता है। जब कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लेते हैं तभी बधाई दी जाती है।
चुनाव जीतने पर बधाई डिप्लोमेसी कितना अहम, पुतिन-बाइडेन के किस्से से समझिए...
नवंबर 2020 की बात है। जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बने थे। दुनियाभर के देशों के नेता उन्हें जीत की बधाई दे रहे थे। इसी वक्त रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें उस समय जीत की बधाई देने से मना कर दिया।
पुतिन ने मीडिया को बताया था- 'ट्रम्प ने अपनी हार मानने से इनकार कर दिया है और कोर्ट में बाइडेन की जीत को चुनौती दी है। कानूनी लड़ाई के फैसले आने तक इंतजार करेंगे। फैसला आने के बाद ही बाइडेन को औपचारिक रूप से बधाई देंगे।'
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि बधाई न देकर क्या पुतिन दोनों देशों के रिश्तों को खराब नहीं कर रहे हैं? इस सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा था कि 'जो रिश्ता पहले से ही खराब है वो और क्या खराब होगा'।
इसके साथ ही पुतिन ने कहा, 'हम लोगों का दोनों से सम्मानजनक संबंध है। हमें किसी से कोई समस्या नहीं है। यह एक औपचारिक मामला है। हमारा कोई छुपा हुआ एजेंडा नहीं है। मुझे नहीं लगता कि औपचारिक रस्म निभाने में जल्दबाजी दिखाने से खराब रिश्ते अच्छे हो जाएंगे। 'इसी तरह मैक्सिको के उस वक्त के राष्ट्रपति एंड्रेस मेनवेल लोपेस ओब्रेडोर ने भी बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी थी।
उन्होंने कहा था कि बाइडेन को बधाई देना जल्दबाजी होगी और वे कानूनी मुद्दे के खत्म होने तक इंतजार करना चाहते हैं। इन दोनों देशों से अमेरिका और बाइडेन की पार्टी के रिश्ते अच्छे नहीं थे। ऐसे में रूस और मैक्सिको के राष्ट्राध्यक्षों की ओर से बधाई नहीं आने की वजह खराब रिश्ते को बताया गया था।
आमतौर पर किसी देश में चुनाव जीतने वाले लीडर को बधाई देना दोनों के संबंधों की अहमियत को दिखाता है। इसलिए बधाई डिप्लोमेसी को जरूरी माना जाता है।