भोपाल समेत प्रदेशभर की परफॉर्मेंस गारंटी वाली 19 सड़कों काे अब व्हाइट टॉपिंग तकनीक से नहीं बनाया जाएगा। इसके टेंडर कैंसिल के आदेश लोक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) के मंत्री राकेश सिंह ने अफसरों को दिए हैं। पहले इन सड़कों को व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनाने का फैसला लिया गया था।
मंत्री ने अफसरों से पूछा है कि परफॉर्मेंस गारंटी में आने वाली सड़कों का चयन व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनाने के लिए क्यों किया गया ? उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अफसरों से इसकी डिटेल रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
जिन सड़कों की गारंटी ठेकेदार की है, उन सड़कों पर सरकार व्हाइट टॉपिंग करने जा रही है। इसके बाद इन सड़कों के टेंडरों को रद्द करने के आदेश दिए हैं।
एसीएस बोले- सड़कों को टेंडर से हटा रहे हैं
पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने बताया कि एमपी की 41 सड़कों को इस तकनीक से बनाने के लिए मंजूरी दी गई थी। इसकी लंबाई कुल 107.21 किमी थी। चिंहित की गई 22 सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी में नहीं है। जबकि 19 सड़कें 25 नवंबर 2024 की स्थिति में परफॉर्मेंस गारंटी में हैं। इनकी परफॉर्मेंस गारंटी 1 से 2 साल में समाप्त हो जाएगी। क्योंकि ये परफॉर्मेंस गारंटी में है। इसलिए इनको टेंडर से अलग किया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग की टेंडर रिपोर्ट में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रायसेन, हरदा सहित 20 शहरों में कुल 108.94 किमी रोड 300 करोड़ रुपए में बननी थी।
इसमें 34.43 किमी सड़क परफार्मेंस गारंटी वाली हैं। इसमें से 115.26 करोड़ रुपए यानी 38% राशि उन प्रमुख सड़कों पर खर्च हो रही थी, जो परफॉर्मेंस गारंटी में हैं।