फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सम्मान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 जनवरी को स्टेट डिनर होस्ट किया था। अब इस डिनर का मेन्यू सामने आया है। इसमें सरसों का साग, मक्के की रोटी, केसर बादाम शोरबा, छेना पतुरी, बागान-ए-सब्ज, सब्ज पुलाव, अंजीर कोफ्ता और दाल डेरा जैसी चीजें शामिल थीं।
इसके अलावा डेजर्ट में गाजर नजाकत और भारतीय अंदाज वाली फ्रेंच डिश फिरनी मिल फ्यूइले भी रखी गई थी। मैक्रों 2 दिन के राजकीय दौरे पर भारत आए थे। वे गणतंत्र दिवस परेड में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। स्टेट डिनर के दौरान मुर्मू-मैक्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे।
चारकोल पर रात भर पकाई काली दाल का दाल डेरा
डिनर में कुछ ऐसी चीजें शामिल थीं, जिनको पकाने का तरीका एकदम अलग होता है। इनमें से एक था- दाल का डेरा। यह काली दाल को चारकोल पर रात भर रखकर पकाने के बाद बनता है। एक और डिश में छेना पतुरी थी, जिसमें कॉटेज चीज को केले के पत्तों में पकाया जाता है, इसमें सरसों का फ्लेवर होता है।
डिनर की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- ये कई मायनों में एक ऐतिहासिक और यादगार क्षण है। शायद ही ऐसा कभी हुआ होगा कि दो देशों के नेता लगातार एक-दूसरे के देशों के राष्ट्र समारोह में मुख्य अतिथि रहे। आज ही के दिन भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के दो साल बाद विश्व का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान लागू किया था।
मैक्रों बोले- PM मोदी के साथ पी गई चाय बेहद खास
स्टेट डिनर के दौरान अपने संबोधन में मैक्रों ने कहा- मैं जयपुर में PM मोदी के साथ पी गई चाय को कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि उसका पेमेंट UPI से किया गया था। वो मेरे लिए बहुत खास था। वो चाय हमारी दोस्ती, गर्मजोशी, परंपरा और इनोवेशन का सबसे बेहतरीन उदाहरण था।
पेरिस इस साल ओलंपिक गेम्स की मेजबानी करने वाला है। भारत ने 2036 में इस टूर्नामेंट को होस्ट करने की इच्छा जताई है। मैं इसके लिए उनका पूरा सपोर्ट करूंगा।
मुर्मू ने कहा- भारत-फ्रांस दो महान गणतंत्र
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- आज हम दुनिया के सामने एक साथ खड़े हैं। दो महान गणतंत्र, जिनका मानव प्रगति में खास योगदान है। जो विचारों में स्वतंत्र, नीतियों में जिम्मेदार और दुनिया की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी मित्रता की सहजता और हमारी साझेदारी की ताकत हमारे भविष्य की यात्रा को उज्जवल करेगी।
राष्ट्रध्यक्षों के डिनर की पूरी तैयारी कैसे होती है?
किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री जब विदेशी मेहमानों के लिए डिनर पार्टी या भोज का आयोजन करते हैं तो वह बहुत ज्यादा औपचारिक होता है। अगर भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री होस्ट हैं तो आयोजन का स्थान उनकी तरफ से पहले ही तय हो जाता है। उदाहरण के लिए राष्ट्रपति इस भोज को राष्ट्रपति भवन या देश के किसी दूसरी जगह पर आयोजित कर सकते हैं।
वेन्यू तय होने के बाद अशोक की लाट से बने इनविटेशन कार्ड विदेशी मेहमानों को भेजे जाते हैं। मेहमान इस कार्ड को एक्सेप्ट करने के बाद जवाब भेजते हैं कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। हालांकि, काफी हद तक ये सब कुछ दोनों देशों के अधिकारी पहले ही तय कर लेते हैं। विदेशी मेहमानों को क्या खिलाना है, इस पर आखिरी फैसला आयोजन के होस्ट, यानी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ही लेते हैं।
विदेशी मेहमान का मेनू तैयार करने से पहले प्रोटोकॉल ऑफिसर मेहमानों के दफ्तर से पता करते हैं कि उनकी डाइटरी हैबिट्स क्या हैं, उनके कोई मेडिकल इश्यूज तो नहीं है या उनको सबसे ज्यादा क्या खाना पसंद है। इसके बाद अतिथि देवो भव: के विचार से ऐसा मेनू तैयार किया जाता है, जिसे मेहमान दिल से पसंद करें और खाने के बाद उन्हें खुशी हो।