कर्ज ज्यादा लेकिन नहीं होगी दिक्कत'
NCAER की महानिदेशक पूनम गुप्ता का कहना है कि भारत का सार्वजनिक ऋण इसके GDP के करीब 82% के बराबर है। लेकिन, ऊंची ग्रोथ रेट और इस कर्ज का बड़ा हिस्सा इंडियन करंसी में होने के कारण देश को समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुल कर्ज में से एक तिहाई राज्यों के पास है और सामान्य स्थिति में अगले पांच वर्षों में उनके ऋण स्तर में और बढ़ोतरी ही होगी। पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में कर्ज-GDP अनुपात 50% तक बढ़ सकता है।