पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (PoK) संवैधानिक रूप से उसका नहीं है। यह बात अवामी एक्शन कमेटी, मीरपुर के प्रमुख नेता आरिफ चौधरी ने कही है। मीरपुर PoK का प्रमुख शहर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान PoK के लोगों से सम्मानजनक व्यवहार नहीं करता।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरिफ चौधरी ने कहा, "पाकिस्तानी प्रशासन PoK के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता और न ही उनकी जरूरतों को पूरा करता है। इलाके के लोग दशकों से उत्पीड़न, अनदेखी और मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। हमें लूटा जा रहा है और जबरन विस्थापित किया जा रहा है।"
पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 257 का जिक्र किया
चौधरी ने कहा, "पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 257 के मुताबिक PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। 1940 के दशक में संयुक्त राष्ट्र के रेजोल्यूशन में इस हिस्से को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत 26 मामलों में निर्णय के अधिकार PoK के लोगों को दिए गए थे, लेकिन लोगों को अभी तक ये अधिकार नहीं मिले हैं।"
जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है PoK
PoK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का वह हिस्सा है जो पाकिस्तान के साथ लगता है। 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने कबीलाई विद्रोहियों की मदद से जम्मू-कश्मीर के इस हिस्से पर कब्जा कर लिया था।
भारतीय फौज इस हिस्से को वापस लेने के लिए लड़ रही थी, मगर उसी समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) चले गए। UN ने दखल देकर दोनों देशों के बीच युद्ध विराम करवा दिया और ‘जो जहां था, वहीं काबिज हो गया।’
उसी समय से दोनों देशों की फौजें इंटरनेशनल सरहद की जगह लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के दोनों तरफ डटी हैं। LoC दोनों मुल्कों के बीच खींची गई 840 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है।
पाकिस्तान ने PoK को दो हिस्सों में बांट रखा है
पाकिस्तान, PoK को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और उसे आजाद कश्मीर बताता है। मौजूदा समय में पाकिस्तान ने PoK को गिलगिट और बाल्टिस्तान, दो हिस्सों में बांट रखा है। भारत सरकार समय-समय पर PoK को वापस लेने की बात कहती रही है।
2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुआई में BJP सरकार बनने के बाद यह मुद्दा ज्यादा गरमा गया। मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद PoK को वापस लेने की मांग जोर-शोर से उठती रही है।