प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन जाएंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM मोदी को यूक्रेन आने का न्योता दिया था। यूक्रेन 1991 में अलग देश बना था। उसके बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने वहां की यात्रा नहीं की है। प्रधानमंत्री यूक्रेन से पहले 21 और 22 अगस्त को पोलैंड में रहेंगे। पिछले 45 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है। इससे पहले 1979 में मोरारजी देसाई वहां गए थे।
विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के यूक्रेन जाने की जानकारी दी है। MEA में सचिव तन्मय लाल ने कहा- भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संबंध हैं। प्रधानमंत्री वहां रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने पर भी चर्चा करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री रूस गए थे, जहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी। PM मोदी ने 20 मार्च को पुतिन और जेलेंस्की दोनों से फोन पर बात की थी। उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग पर भारत का रुख दोहराया था।
लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कई मौकों पर बात की है। पिछले एक साल में ऐसी कई मुलाकातों के बाद अब वे यूक्रेन में दोबारा मिलेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक यूक्रेन को दवाइयों, मेडिकल उपकरणों और पावर जनरेटर्स के 16 पैकेज दिए जा चुके हैं। अब तक करीब 135 टन रिलीफ मटेरियल वहां भेजा गया है। आगे भी मदद जारी रखने के तरीकों पर विचार किया जाएगा।
मोदी पिछले महीने रूस गए, पुतिन को गले लगाने पर जेलेंस्की नाखुश थे
PM मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस के दौरे पर गए थे। वहां मोदी ने पुतिन को गले लगाया था। इस पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा था- दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है। दरअसल, जिस दिन मोदी और पुतिन की मुलाकात हुई थी, उसी दिन रूस ने कीव में बच्चों के एक अस्पताल पर हमला किया था, जिसमें 41 लोगों की मौत हुई थी।
पुतिन ने मोदी के लिए प्राइवेट डिनर रखा, सर्वोच्च सम्मान दिया
मोदी 5 साल बाद रूस पहुंचे थे। मोदी के 2 दिन के दौरे में राष्ट्रपति पुतिन ने उनके लिए प्राइवेट डिनर रखा था। पुतिन PM मोदी को अपनी गोल्फ कार्ट में बिठाकर अस्तबल दिखाने ले गए थे। इस दौरान पुतिन खुद ड्राइव कर रहे थे। पुतिन ने मोदी को रूस का सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' दिया था। यह सबसे बेहतर काम करने वाले नागरिक या फिर सेना से जुड़े लोगों को दिया जाता है।
PM मोदी ने रूस में भी कहा- जंग से शांति का रास्ता नहीं निकलता
मोदी ने पुतिन से कहा था, ‘एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि जंग के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है। समाधान के लिए वार्ता जरूरी है।' जवाब में पुतिन ने कहा था, 'आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके लिए आपके आभारी हैं।' पीएम ने बातचीत के दौरान आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आतंकवाद हर देश के लिए खतरा बना हुआ है।
दोनों नेताओं की बैठक ऐसे समय पर हुई थी, जब नाटो देशों का सम्मेलन चल रहा था। अमेरिका ने मोदी के रूस दौरे की टाइमिंग की आलोचना भी की थी।
इटली में जेलेंस्की ने मोदी को यूक्रेन आने का न्योता दिया था
PM मोदी ने 14 जून को इटली में G7 समिट से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। दोनों नेता गले भी मिले थे। इस दौरान PM मोदी ने बातचीत और कूटनीति के जरिए जंग का समाधान निकालने की बात कही थी। तब जेलेंस्की ने PM मोदी को लोकसभा चुनाव के बाद यूक्रेन आने का न्योता दिया था। इससे पहले 20 मई 2023 को जापान के हिरोशिमा में आयोजित G-7 मीटिंग के दौरान मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात हुई थी।
फरवरी 2022 में हुई थी रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत
रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत 24 फरवरी 2022 को हुई थी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इसे मिलिट्री ऑपरेशन बताया। इस हमले में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है। ये लोग अन्य देशों में रिफ्यूजी की तरह रह रहे हैं। 65 लाख से ज्यादा यूक्रेनी देश में ही बेघर हो गए हैं। 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है।