प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया-आसियान समिट में शामिल होने के लिए 2 दिन के दौरे पर गुरुवार को कम्युनिस्ट देश लाओस पहुंचे। यहां बौद्ध भिक्षुओं ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस की राजधानी वियनतियाने में लाओस की रामायण भी देखी।
PM मोदी लाओस में 10 वीं बार इंडिया-आसियान समिट में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान PM मोदी आसियान देशों के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।
लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानडोन ने PM मोदी को न्योता दिया था। लाओस इस साल इंडिया-आसियान समिट और ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
मोदी सरकार की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के 10 साल पूरे
इस साल मोदी सरकारी की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के 10 साल पूरे हो रहे हैं। इस लिहाज से भी ये दौरा बेहद अहम हो जाता है। 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ भारत की डिप्लोमेसी का अहम हिस्सा है, जिसका मकसद दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है।
PM मोदी ने 2014 में इंडिया आसियान समिट के दौरान इस पॉलिसी की घोषणा की थी। इस पॉलिसी को पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की लुक ईस्ट पॉलिसी का अपग्रेडेड वर्जन माना जाता है, जिसे उन्होंने 1992 में शुरू किया था।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर में दक्षिण एशिायाई देश ब्रुनेई और सिंगापुर का दौरा किया था। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने भी अगस्त में तिमोर-लेस्ते की यात्रा की थी।
‘म्यांमार और चीन के मुद्दे पर होगी चर्चा’
ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध और साउथ चाइना सी को लेकर क्षेत्रीय तनाव पर चर्चा हो सकती है । ये दोनों मुद्दे आसियान देशों के लिए प्रमुुख चुनौती के तौर पर बने हुए हैं।
फरवरी 2021 में म्यामार की सेना ने आंग सान सू की सरकार का तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद से म्यांमार में करीब 6,000 लोग मारे गए हैं और 30 लाख से अधिक विस्थापित हुए हैं।
इस साल चीन और फिलीपींस के बीच साउथ चाइना सी में सीमा विवाद को लेकर कई बार झड़प हो चुकी हैं। वियतनाम ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि चीन ने साउथ चाइन सी के विवादित इलाकों में उसके मछुआरों पर हमला किया।
चीन ने उन इलाकों में गश्ती जहाज भी भेजे हैं जिन पर इंडोनेशिया और मलेशिया दावा करते हैं।
10 देशों का समूह है आसियान
आसियान की स्थापना 1967 में बैंकॉक में हुई थी। यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसका पूरा नाम एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) है। इसमें कुल 10 सदस्य देश हैं, जिनमें इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस शामिल हैं।
भारत ने 2022 में आसियान देशों के साथ कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप (CSP) साइन की थी। इसके तहत रक्षा, आर्थिक और तकनीकी हितों को बढ़ाने के लिए मिलकर काम किया जाता है। वहीं, इस इलाके में चीन को काउंटर करने के लिए भारत आसियान देशों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहा है।