पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने पेंशन नियम 1976 में संशोधन की मांग की है। एसोसिएशन चाहता है कि पेंशनर की मृत्यु के बाद उनकी अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता पुत्री को आजीवन पारिवारिक पेंशन दी जाए। भोपाल जिले के अध्यक्ष सुरेश शर्मा का कहना है कि यह कदम प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल होगी।
प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने याद दिलाया कि 13 मार्च 2020 को मंत्रालय में पेंशनर फोरम की बैठक में इस विषय पर सहमति बनी थी। सिंघल समिति ने भी इसकी अनुशंसा की थी। लेकिन तीन साल के बाद भी पेंशनर की बेटियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।
सक्सेना ने मुख्य सचिव से विशेष अनुरोध किया है। वे चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को इस संबंध में आदेश जारी किए जाएं। इससे विपत्तिग्रस्त, पीड़ित, असहाय और निराश्रित बेटियों को आर्थिक मदद मिलेगी। वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी और उनका सामाजिक जीवन बेहतर होगा।