आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा- बांग्लादेश की तरक्की को देखकर खुद पर शर्म आती है। जो कभी हमारे कंधों का बोझ था, आज वो हमसे आगे निकल गया।
शरीफ ने यह बात सिंध सीएम हाउस में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करते हुए कही। दरअसल, बांग्लादेश का एक टका (वहां की मुद्रा) पाकिस्तान के दो रुपए के बराबर है।
1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। 50 सालों के भीतर ही बांग्लादेश साउथ एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और उसकी इकोनॉमी में लगातार सुधार हो रहा है। उसकी GDP भी 37 लाख करोड़ रुपए पार कर चुकी है। लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार खराब हो रही है। उसकी GDP 2 लाख करोड़ रुपए है।
2016 में बांग्लादेश GDP में पाकिस्तान से आगे निकला
2016 में पहली बार GDP के मामले में बांग्लादेश पाकिस्तान से आगे निकल गया था। इतना ही तब उसका प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 1 लाख 38 हजार रुपए था। वहीं पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 1 लाख 22 हजार रुपए था।
वहीं, अगर 2023 की बात करे तो पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वही रहा, लेकिन बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 2 लाख के पार जा पहुंचा।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 2022 में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का सामान निर्यात किया था। वही, बांग्लादेश ने पाकिस्तान को 600 करोड़ रुपए का सामान भेजा।
बांग्लादेश की आजादी के 1 साल बाद 7 बांग्लादेशी टका की कीमत 1 अमेरिकी डॉलर थी, वहीं 4 पाकिस्तानी रुपए 1 डॉलर के बराबर था। लेकिन, आज 1 डॉलर की कीमत 109 टका और 278 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।
कैसे आजाद हुआ बांग्लादेश
1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो इसके दो टुकड़े भी हुए। मोहम्मद अली जिन्ना की मांग के मुताबिक मुस्लिमों के लिए अलग राष्ट्र पाकिस्तान बना। पाकिस्तान के दो हिस्से थे। एक भारत के पश्चिम में जिसे पश्चिमी पाकिस्तान कहा गया। दूसरा भारत के पूर्वी छोर पर जिसे पूर्वी पाकिस्तान कहा गया।
पूर्वी पाकिस्तान की आबादी बांग्ला भाषी थी, तो पश्चिमी पाकिस्तान की आबादी उर्दू भाषी। देश के शासन प्रशासन पर पश्चिमी पाकिस्तान की ही चलती थी। वहीं के लोग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सेना तक में अहम पदों पर थे।
जब उर्दू को राजभाषा घोषित किया गया तो बांग्ला भाषी पूर्वी पाकिस्तान के लोगों में असंतोष और बढ़ गया। बढ़ते असंतोष के बीच पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीब-उर-रहमान ने आवामी लीग नाम से पार्टी बनाई। 1970 के चुनाव में उनकी पार्टी को भारी जीत मिली, लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान के प्रभाव वाले सैनिक शासकों ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की जगह जेल में डाल दिया। इसी घटना को पाकिस्तान के विभाजन का बीज माना जाता है।
26 मार्च को मुजीब-उर-रहमान ने बांग्लादेश को आजाद घोषित कर दिया। इसी के साथ शुरू हुए स्वतंत्रता संघर्ष में भारी खून-खराबा हुआ। पश्चिमी पाकिस्तान की सेनाओं ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर जमकर जुल्म ढाए। इस दौरान लाखों लोगों ने भागकर भारत में शरण ली। बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी को भारत ने सैनिक सहयोग दिया। आखिरकार 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम पूरा हुआ।