पाकिस्तान की एयरफोर्स ने बुधवार देर रात जवाबी कार्रवाई में ईरान में बलूच लिबरेशन आर्मी के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज बलोच ने कहा- ये कार्रवाई सभी खतरों के खिलाफ देश की रक्षा के लिए की गई है। ऑपरेशन की सफलता पाकिस्तानी सेना की काबिलियत का सबूत है।
पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान में कई आतंकियों को मार गिराया। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की एयरस्ट्राक में 4 बच्चे और 3 महिलाओं की मौत हुई है।
इससे पहले मंगलवार रात पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद दोनों देशों में टकराव बढ़ गया था। ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल पर हमला किया था।
ईरान में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर किए हमले
ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दोल्लाहियन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी से फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि यह हमला ईरान के आंतकी संगठन पर किया गया था। पाकिस्तान का कोई भी नागरिक इसमें घायल नहीं हुआ है।
इस पर जिलानी ने कहा था कि किसी भी देश को इस तरह जोखिम वाले रास्ते पर नहीं चलना चाहिए। ईरान के हमले पर पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है। इसके बाद पाकिस्तान एयरफोर्स ने 24 घंटे में ईरान पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने ईरान में चलाए ऑपरेशन को 'मार्ग बार सरमाचर' नाम दिया।
पाकिस्तान के सिक्योरिटी ऑफियशियल ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि पाक एयरफोर्स ने बलूच अलगाववादियों के 7 ठिकानों को निशाना बनाया। एयरस्ट्राइक ईरान की सीमा में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर की गईं। इसके लिए फाइटर जेट्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल किया।
भारत-अमेरिका का रिएक्शन
ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को तेहरान से अपने ऐंबैस्डर को वापस बुला लिया और ईरान के राजदूत को देश छोड़ने को कह दिया था। वहीं, ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान आर्मी के हेडक्वॉर्टर रावलपिंडी में बुधवार तड़के से मीटिंग्स चल रही थीं। आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने सभी कमांडर्स को फौरन बुलाया था।
पाकिस्तान में ईरान की एयरस्ट्राइक पर भारत ने भी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- अगर कोई देश अपनी हिफाजत के लिए कार्रवाई करता है तो भारत उसकी स्थिति समझ सकता है।
उन्होंने कहा- ये पाकिस्तान और ईरान के बीच का मामला है। जहां तक हमारी राय का सवाल है तो हम कई बार साफ कर चुके हैं कि आतंकवाद के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वहीं, अमेरिका ने ईरान की स्ट्राइक को गलत बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ईरान ने हाल ही के दिनों में अपने तीन पड़ोसी मुल्कों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।
ईरान ने पाकिस्तान पर हमला क्यों किया?
ईरान एक शिया बहुल देश है, जबकि पाकिस्तान में करीब 95% लोग सुन्नी हैं। पाकिस्तान के सुन्नी संगठन ईरान का विरोध करते रहे हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान का जैश अल अदल आतंकी संगठन ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले करता रहा है। ईरान की सेना को रिवॉल्यूशनरी गार्ड कहा जाता है।
ईरान सरकार कई बार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की वॉर्निंग दे चुकी है। 2015 में पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। तब ईरान के आठ सैनिक पाकिस्तान से ईरानी क्षेत्र में घुसे सुन्नी आतंकवादियों के साथ संघर्ष में मारे गए। यह आतंकी भी जैश अल अदल के थे।
तब ईरान सरकार ने कहा था- हमारी सीमा पर तैनात सैनिकों का पाकिस्तान से घुसे आतंकवादियों के साथ संघर्ष हुआ। हमारे आठ सैनिक शहीद हो गए। हम इस मामले में जवाबी कार्रवाई जरूर करेंगे।
चीन की राय- तनाव न बढ़ाएं
इधर, चीन ने पाकिस्तान और ईरान दोनों से कहा कि वो तनाव न बढ़ाएं, क्योंकि इससे दोनों देशों को नुकसान है। पाकिस्तान और ईरान दोनों ही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO के मेंबर हैं और चीन के करीबी ट्रेडिंग पार्टनर हैं।
ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है।
इसका असर दिखना शुरू हो चुका है। ईरानी समाचार एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक सदस्य की पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश के अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत में गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
जवाबी कार्रवाई से पहले पाकिस्तान में क्या हुआ था
मीडिया कवरेज पर रोक